शिवरायांचा पाळणा-गुणी बाळ असा जागसि का रे वांया

Started by Atul Kaviraje, December 29, 2022, 09:31:10 PM

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Atul Kaviraje

                     "काही गाणी आठवणीतली, काही साठवणीतली !"
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज ऐकुया, "काही गाणी आठवणीतली, काही साठवणीतली !" या गीत-मालिके -अंतर्गत, एक शिवरायांचा पाळणा. या पाळण्याचे शीर्षक आहे- "गुणी बाळ असा जागसि का रे वांया"

                            "गुणी बाळ असा जागसि का रे वांया"
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गुणी बाळ असा जागसि का रे वांया | नीज रे नीज शिवराया

अपरात्री प्रहर लोटला बाई | तरि डोळा लागत नाही ||
हा चालतसे चाळा एकच असला | तिळ उसंत नाही जिवाला ||
निजयावयाचा हरला सर्व उपाय | जागाच तरी शिवराय ||

चालेल जागता चटका
हा असाच घटका घटका
कुरवाळा किंवा हटका
का कष्टविसी तुझी सांवळी काया | नीज रे नीज शिवराया ||१ ||

ही शांत निजे बारा मावळ थेट | शिवनेरी जुन्नर पेठ ||
त्या निजल्या ना तशाच घाटाखाली | कोकणच्या चवदा ताली ||
ये भिववाया बागुल तो बघ बाळा | किति बाई काळा काळा ||

इकडे हे सिद्दीजवान
तो तिकडे अफझुलखान
पलिकडे मुलूख मैदान
हे आले रे तुला बाळ धराया | नीज रे नीज शिवराया || २ ||

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गीत -राम गणेश गडकरी 'गोविंदाग्रज'
संगीत - पं. हृदयनाथ मंगेशकर
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--प्रकाशक : शंतनू देव
(FRIDAY, MARCH 4, 2011)
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                  (साभार आणि सौजन्य-माणिक-मोती.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                            (संदर्भ-♫ गाणीमराठी.com ♫♪)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-29.12.2022-गुरुवार.