काव्यालय कविता-कविता सुमन-20-अच्छा अनुभव

Started by Atul Kaviraje, January 01, 2023, 09:49:35 PM

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Atul Kaviraje

                                     "काव्यालय कविता"
                                      कविता सुमन-20
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मित्रो,

     आज पढेंगे, ख्यातनाम, "काव्यालय कविता" इस शीर्षक अंतर्गत, मशहूर, नवं  कवी-कवियित्रीयोकी कुछ बेहद लोकप्रिय रचनाये. आज की कविता का शीर्षक है-"अच्छा अनुभव"

                                   "अच्छा अनुभव"
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अच्छा अनुभव
मेरे बहुत पास
मृत्यु का सुवास
देह पर उस का स्पर्श
मधुर ही कहूँगा
उस का स्वर कानों में
भीतर मगर प्राणों में
जीवन की लय
तरंगित और उद्दाम
किनारों में काम के बँधा
प्रवाह नाम का

एक दृश्य सुबह का
एक दृश्य शाम का
दोनों में क्षितिज पर
सूरज की लाली

दोनों में धरती पर
छाया घनी और लम्बी
इमारतों की वृक्षों की
देहों की काली

दोनों में कतारें पंछियों की
चुप और चहकती हुई
दोनों में राशियाँ फूलों की
कम-ज्यादा महकती हुई

दोनों में
एक तरह की शान्ति
एक तरह का आवेग
आँखें बन्द प्राण खुले हुए

अस्पष्ट मगर धुले हुऐ
कितने आमन्त्रण
बाहर के भीतर के
कितने अदम्य इरादे
कितने उलझे कितने सादे

अच्छा अनुभव है
मृत्यु मानो
हाहाकार नहीं है
कलरव है !

--भवानीप्रसाद मिश्र
(Naya Prateek, October,1976)
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                     (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-काव्यालय.ऑर्ग/युगवाणी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-01.01.2023-रविवार.