नवं-वर्ष-२०२३-कविता-2-करू नववर्षाचे स्वागत

Started by Atul Kaviraje, January 01, 2023, 10:17:21 PM

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Atul Kaviraje

                                    "नवं-वर्ष-२०२३"
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     चला, सर्वांनी गत-वर्ष-२०२२, ला बाय-बाय करूया, आणि नवं-वर्ष-२०२३-चे जल्लोषात, उत्साहात स्वागत करूया. मराठी कवितेच्या माझ्या सर्व कवी-कवयित्री भाऊ-बहिणांना हे नवं-वर्ष-२०२३, सुखाचे,समृद्धीचे,भरभराटीचे,नवं-संकल्प-पूर्णत्त्वाचे जावो, हीच सदिच्छा. वाचूया, २०२३ च्या काही कविता--

                               "करू नववर्षाचे स्वागत"
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माना जुन्याचे आभार
दिला जीवना आकार
पेरा ध्येयाचा विचार
स्वप्ने करा ही साकार

नव्या आशा नको नशा
नीती पाळा क्लेश टाळा
प्रेम माया शांती मनी
जुने दोष पूर्ण जाळा

सुख दुःखाची बेरीज
वर्ष हिशोब रे मांडी
सुख सोबत घेऊनि
फोडा दुःखाची रे अंडी

गोड कटू अनुभव
करा सारा लेखाजोखा
गोड धरा रे जमेत
लावा कटूला तडाखा

जीवनाच्या रे गाण्यात
मस्त मजेत गाऊ दया
करूणेस घाला बांध
प्रेम सागर वाहू दया

सदा निष्कलंक रहा
किती होवोत आरोप
सत्य शिदोरी बांधुनि
द्यावा जुन्यास निरोप

शिकवूनी रे बरेच
जुने हे सरुनी गेले
मनी फुलू द्या रे हर्ष
नववर्ष दारी आले

--युवराज जगताप
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                       (साभार आणि सौजन्य-संदर्भ-स्टोरी मिरर.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-01.01.2023-रविवार.