साहित्यशिल्पी-ग्लोबलगिविंग की भारत में संभावनाभरी दस्तक ! -

Started by Atul Kaviraje, January 02, 2023, 09:45:19 PM

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Atul Kaviraje

                                     "साहित्यशिल्पी"
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मित्रो,

     आज पढते है, "साहित्यशिल्पी" शीर्षक के अंतर्गत, सद्य-परिस्थिती पर आधारित एक महत्त्वपूर्ण लेख. इस आलेख का शीर्षक है- "ग्लोबलगिविंग की भारत में संभावनाभरी दस्तक !" 

      ग्लोबलगिविंग की भारत में संभावनाभरी दस्तक! - [आलेख]- ललित गर्ग--
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     इम्पैक्ट गुरु एक संपूर्ण क्राउडफडिंग मंच है यह सेवा और परोपकार के क्षेत्र में एक ऐसा समाधान है जिसमें सामाजिक एवं दान विषयक जरूरतों के लिए क्राउडफडिंग के उपक्रम किये जाते हैं। इसके अंतर्गत चिकित्सा, व्यक्तिगत जरूरतों, गैर लाभकारी उपक्रमों, सामाजिक उद्यमों, या स्टार्ट-अप के लिए छोटे या बड़े सभी तरह के धन जुटाने के उपक्रम किये जाते हैं। कंपनी हावर्ड इनवेशन लैब के नवीन खोजकारी उद्यम एवं प्रोत्साहन कार्यक्रम से प्रेरणा एवं प्रशिक्षण पाने के लिए सन 2014 में अमेरिका में सहभागी रहा है। ग्लोबल गिविंग दुनिया का प्रथम और सबसे बड़ा गैर लाभकारी वैश्विक क्राउडफडिंग समुदाय है। ग्लोबलगिविंग सर्वोच्च परोपकार एवं परोपकारी गतिविधियों के लिए सहायता जुटाने का संचालक है जिसने 16000 से अधिक परियोजनाओं के लिए 580000 से अधिक दाताओं से 250 मिलियन से अधिक की सहायता जुटायी है। ग्लोबलगिविंग दुनिया भर के स्थानीय गैर लाभकारी संगठनों को समझने में सहायता करती है कि वे अपने समुदायों के समर्थन के लिए किस तरह से सबसे उपयुक्त हैं विशेषकर संकटकालीन स्थितियों में राहत और संकटों से उबरने के लिए। प्रत्येक संगठन के लिए यह सुनिश्चित करने के लिए की दान के लिए वह उपयुक्त पात्र है और उसकी आवश्यकताएं उचित हैं, एक संपूर्ण एवं गहन जांच की जाती है। विशेषकर प्रवासी भारतीयों को भारत में सामाजिक कार्यों के उत्थान एवं निवेश हेतु प्रेरित किया जाएगा। जिसमें वित्तीय समावेशन, स्वच्छ तकनीक, शिक्षा, शुद्ध पीने का पानी, स्वच्छता और स्वास्थ्य सहित विभिन्न सामाजिक जरूरतों के साथ-साथ परोपकार एवं सेवा से जुड़े क्षेत्रों में निवेश होगा।

     भारत में क्राउडफंडिंग को स्थापित करने का श्रेय श्री पीयूष जैन को ही जाता है। उनके अनुसार तमाम सार्वजनिक योजनाओं, धार्मिक कार्यों, जनकल्याण उपक्रमों और व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग इसका सहारा ले रहे हैं। इम्पैक्ट गुरु पूर्व में भी अनेक गैर सरकारी संगठनों के साथ अपनी सेवाएं दी हैं जिनमें आक्सफेम, एसओएस बाल ग्राम, हैविडेट फार हयूमिनिटी, सीएसआर विभाग- टाटा, गोदरेज, वाकहार्ट आदि हैं। वह डेलबर्ग और आशा इम्पैक्ट जैसे संगठनों की तरह ही अपना विस्तार करना चाहता है।

     श्री पीयूष जैन का मानना है कि क्राउडफंडिंग भारत को दुनिया में एक अलग पहचान दिलायेगी। इसको गति देने के लिए वे इम्पैक्ट गुरु की कार्ययोजना को आकार देने के लिये सक्रियता से जुटे हैं। इम्पैक्ट गुरु जागरूकता लाकर लोगों में दान की एक नई परम्परा को विकसित करेगा। दान देने के लिए हमें लोगों को प्रेरित करना है। श्री पीयूष जैन का मानना है समाज में जो सुविधा संपन्न लोग हैं उनकी भी समाज के प्रति जिम्मेदारी बनती है अतः अपनी आय का कुछ हिस्सा इन गरीबों के उत्थान एवं उन्नयन में खर्च करना चाहिए। श्री जैन कहते हैं कि बड़े दानदाता ही नहीं बल्कि छोटे-छोटे दान को प्रोत्साहन किया जायेगा। लोगों में भी दान देने का प्रचलन बढ़ाना हमारा लक्ष्य है। विशेषतः नवयुवकों मंे जनकल्याण एवं सामाजिक भागीदारी के लिए दान की परम्परा के प्रति आकर्षण उत्पन्न किया जाएगा, जिसके माध्यम से सेवा और जनकल्याण के नये उपक्रम संचालित हो सकेंगे।

--ललित गर्ग
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                     (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-साहित्यशिल्पी.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-02.01.2023-सोमवार.