नवं-वर्ष-२०२३-रचनाये-कविताये-18-

Started by Atul Kaviraje, January 02, 2023, 10:37:00 PM

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Atul Kaviraje

                                    "नवं-वर्ष-२०२३"
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मित्रो,

     आईए, सभी गत-वर्ष-२०२२, को बाय-बाय करे, और नवं-वर्ष-२०२३, का उत्साहपूर्ण, जल्लोषपूर्ण, एवं नवं-वर्ष संकल्प पूर्णत्त्व की शुभ-कामनाओ के साथ स्वागत करे. मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको ये नवं-वर्ष मुबारक हो. आप सभी को ये नवं-वर्ष सुखमय, आनंदमय, मंगलमय एवं शुभ-कामनामय हो. आईए पढते है २०२३ की कुछ रचनाये-कविताये--18-

नव वर्ष के आगमन पर प्रेम गीत गाएं

सहज सरल मन से सब को गले लगाए

उंच नीच भेद भाव के अंतर को मिटाएं

नव वर्ष के आगमन पर प्रेम गीत गाएं

शिक्षा का उजियारा हम घर घर पहुंचाएं

पर्यावरण की चिंता करे पेड़ फिर लगाए

नव वर्ष के आगमन पर प्रेम गीत गाएं

स्वच्छता अभियान को समझें समझाएं

योग प्राणायाम कर स्वस्थ हम हो जाएं

नव वर्ष के आगमन पर प्रेम गीत गाएं

देश प्रेम का जज्बा सभी जन मन में लाएं

माँ भारती के चरणों में शीश सब झुकाएं

नव वर्ष के आगमन पर प्रेम गीत गाएं.
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नये वर्ष की नयी सुबह नयी कलम और नयी डायरी

काश ! लिखूँ कुछ ऐसा कि मुग्ध हो जाएँ दुनिया सारी

खामोश जुबां के शब्द बनूं टूटे सपनो के टुकड़े चुनूं

काश ! लिखूँ कुछ ऐसा कि भटके अपनो की राह बुनूं

दीन-दुखी जन की पीड़ा हर दिल तक पहुँचा पाऊँ

काश ! लिखूँ कुछ ऐसा कि सबके दिल को छू जाऊँ

निर्बल का मान बचा पाऊँ निर्धन की जान बचा पाऊँ

काश ! लिखूँ कुछ ऐसा कि हर दिल को रोशन कर जाऊँ

जंग लगे दिल के दरवाजों के तालों को तोड़ सकूँ

काश ! लिखूँ कुछ ऐसा कि सबके दिलों को जोड़ सकूँ

झूठ का पर्दाफाश करूँ और सच का मैं आगाज़ करूँ

काश ! लिखूँ कुछ ऐसा कि सबके दिलों में राज करूँ

प्रकाश की सविता बन जाऊँ आस की सरिता बन आऊँ

काश ! लिखूँ कुछ ऐसा कि खुद ही कविता बन जाऊँ..
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नए साल की कविता--

अलविदा कह दो इस साल को

अब नया साल आने वाला है

समझो मेरे दिल के हाल को

अब नया साल आने वाला है

जो कहानी हमारी इस साल रही अधूरी

नए साल में क्यों न करें उसको पूरी

बातें करें खुल के हम प्यार भरी

कुछ हों तुम्हारी कुछ हों मेरी

देखें विधाता ने दिए हैं सुन्दर नज़ारे

गायें दोनों मिल कर प्रेम गीत प्यारे प्यारे

तुम्हारे लिए थाली में सुन्दर पकवान परोसूं

प्यास लगे तो गिलास में साफ पानी दे दूँ

शाम को जब तुम थक जाओ

तुम्हारा सर दबा दूँ

अगर सोने का मन हो तुम्हारा

तुम्हारा बिस्तर लगा दूँ

तुम मेरे दिल में बसी हो मेरे दिल की हो रानी

नए साल में नए ढंग से शुरू करें अपनी प्रेम कहानी..
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--AUTHOR UNKNOWN
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                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-१ हिंदी शेअर.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-02.01.2023-सोमवार.