II शुभ मकर संक्रात II-कविता-3-मकर संक्रान्ति

Started by Atul Kaviraje, January 15, 2023, 11:12:43 AM

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Atul Kaviraje

                                   II शुभ मकर संक्रात II
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मित्रो,

     आज दिनांक-१५.०१.२०२३ है. आजका शुभ दिन "मकर-संक्रांति" का पुण्य-पावन पर्व लेकर आया है. सूर्य-भगवानकI इसी दिन मकर राशीमे संक्रमण होता है. सारे देशमे यह पर्व भिन्न भिन्न नामोसे मनाया जाता है. इस दिन को तिल और गुड इनसे बने पदार्थोका विशेष महत्त्व होता है. मराठी कविता के मेरे सभी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको मकर संक्रांतिकी बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईए, सारे इकठठे हो, और बोलो- "तिल गुड लेलो, मीठा मीठा बोलो". अपने सभी वाद-विवाद, झगडे-तंटे इनको मिटाकर एक होंगे, मिलके रहेंगे. आईए, सुनते है, इस पर्व की कुछ मिठी कविताये, जिनक स्वाद आपके जिव्हा पर साल भर के लिये घुल मिल जायेगा.

                                      "मकर संक्रान्ति"
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सुबह-सुबह उठकर बाबा,

नदी नहाने जाते हैं।

हर हर गंगे जपते रहते,

डुबकी साथ लगाते हैं।।


दादी, मम्मी, ताई मिलकर,

लड्डू सभी बनाते हैं।

तिल के लड्डू अच्छे लगते,

बैठ मजे से खाते हैं।।


दान दक्षिणा करते मिलकर,

मन्दिर में सब जाते हैं।

फूल नारियल भोग लगाते,

घर प्रसाद को लाते हैं।।


सभी मनाते मकर संक्रांति,

पतंग साथ उड़ाते हैं।

खुशियों का त्यौहार मनाते,

बच्चे गाना गाते हैं।।


नये-नये सब खेल खिलौने,

दादा घर पर लाते हैं।

मीठी-मीठी तिल की लड्डू

मिलजुल कर सब खाते हैं।।

--प्रिया देवांगन
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                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-ज्ञान की नगरी.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-15.01.2023-रविवार.
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