लफ़्ज़ों का खेल-महक-Album-साया बन कर साथ चलेंगे

Started by Atul Kaviraje, January 17, 2023, 09:37:31 PM

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Atul Kaviraje

                                     "लफ़्ज़ों का खेल"
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मित्रो,

     आज सुनते है, "लफ़्ज़ों का खेल" इस शीर्षक के अंतर्गत, "पंकज उदास" की आवाज मे "महक" Album का गीत.

                                 "साया बन कर साथ चलेंगे"
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साया बन कर साथ चलेंगे
इसके भरोसे मत रहना
अपने हमेशा अपने रहेंगे
इसके भरोसे मत रहना
साया बन कर साथ चलेंगे...

सावन का महीना आते ही
बादल तो छा जाएँगे
हर हाल में लेकिन बरसेंगे
इसके भरोसे मत रहना
साया बन कर साथ चलेंगे...

सूरज की मानिंद सफ़र पे
रोज़ निकलना पड़ता है
बैठे-बैठे दिन बदलेंगे
इसके भरोसे मत रहना
साया बन कर साथ चलेंगे...

बहती नदी में कच्चे घड़े हैं
रिश्ते, नाते, हुस्न, वफ़ा
दूर तलक ये बहते रहेंगे
इसके भरोसे मत रहना
साया बन कर साथ चलेंगे...

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साया बन कर साथ चलेंगे - Saaya Ban Kar Saath Chalenge
Movie/Album: महक (1999)
Music By: घनी मोहम्मद, अली
Lyrics By: हस्तीमल "हस्ती"
Performed By: पंकज उदास
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                (साभार एवं सौजन्य-हिंदी लैरिकस प्रतीक.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                        (संदर्भ-Lyrics In Hindi-लफ़्ज़ों का खेल)
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POSTED------संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-17.01.2023-मंगळवार.
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