निबंध-क्रमांक-142-किसान आंदोलन

Started by Atul Kaviraje, January 18, 2023, 10:18:39 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                        "निबंध"
                                      क्रमांक-142
                                     ------------

मित्रो,

      आईए, पढते है, ज्ञानवर्धक एवं ज्ञानपूरक निबंध. आज के निबंध का शीर्षक है- "किसान आंदोलन (Farmer Protest)"

                         किसान आंदोलन (Farmer Protest)--
                        ----------------------------------

     यह राज्य सरकारों को 'बाहरी व्यापार क्षेत्र' में आयोजित किसानों की उपज के व्यापार के लिए किसानों, व्यापारियों और इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर कोई बाजार शुल्क, उपकर या लेवी लगाने से रोकता है।

     यह अधिनियम सरकार द्वारा नियंत्रित मंडियों के एकाधिकार को तोड़ने और किसानों को सीधे निजी खरीदारों को बेचने की अनुमति देता है।

     मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा विधेयक, किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता यह अनुबंध खेती के लिए एक राष्ट्रीय ढांचा तैयार करता है।  यह किसानों को कंपनियों के साथ लिखित अनुबंध करने और उनके लिए उत्पादन करने के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करता है।

     किसी भी कृषि उत्पाद के उत्पादन या पालन से पहले किया गया लिखित कृषि समझौता, कृषि उत्पाद और सेवाओं की आपूर्ति, गुणवत्ता, ग्रेड, मानकों और कीमत के लिए नियमों और शर्तों को सूचीबद्ध करता है।

     यह एक विवाद समाधान तंत्र को परिभाषित करता है।

     अधिनियम में तीन-स्तरीय विवाद निपटान तंत्र- सुलह बोर्ड, उप-मंडल मजिस्ट्रेट और अपीलीय प्राधिकरण का प्रावधान है।

                आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम--

     यह आवश्यक वस्तुओं की सूची से अनाज, दालें, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज और आलू को हटा देता है।

     यह इन खाद्य वस्तुओं के उत्पादन, भंडारण, आवाजाही और वितरण को नियंत्रित करेगा।

     यह "असाधारण परिस्थितियों" को छोड़कर ऐसी वस्तुओं पर स्टॉकहोल्डिंग सीमा को भी हटा देगा।

     केंद्र सरकार को युद्ध, अकाल, असाधारण मूल्य वृद्धि और गंभीर प्रकृति की प्राकृतिक आपदा के दौरान आपूर्ति के विनियमन की अनुमति है और वार्षिक खुदरा मूल्य वृद्धि बागवानी उत्पादों (मूल रूप से प्याज और आलू) में 100% से अधिक और गैर-नाशपाती (अनाज, दालें) और खाद्य तेल के लिए 50% से अधिक है।

     यह आवश्यक है कि कृषि उपज पर स्टॉक की कोई सीमा मूल्य वृद्धि पर आधारित हो।

     यह कृषि व्यवसायियों को खाद्य पदार्थों का स्टॉक करने की अनुमति देगा और मनमाने ढंग से प्रतिबंध लगाने की सरकार की क्षमता को हटा देगा।

                   किसान आंदोलन के कारण--

     किसान अपनी उपज के लिए एमएसपी प्राप्त करने से आशंकित हैं क्योंकि कृषि सुधार कानून 2020 किसानों के लिए खुले बाजार में अपनी उपज बेचने और कॉर्पोरेट और किसान की आपसी समझ पर खुद से कीमत तय करने का रास्ता खोलता है। 

--मिनू सैनी
( Aug 11, 2022)
------------------

                       (साभार एवं सौजन्य-माय हिंदी लेख.इन)
                      -----------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक- 18.01.2023-बुधवार.
=========================================