काव्यालय कविता-कविता सुमन-39-स्त्रीलिंग-पुल्लिंग

Started by Atul Kaviraje, January 20, 2023, 09:53:09 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                   "काव्यालय कविता"
                                    कविता सुमन-39
                                  ------------------

मित्रो,

     आज पढेंगे, ख्यातनाम, "काव्यालय कविता" इस शीर्षक अंतर्गत, मशहूर, नवं  कवी-कवियित्रीयोकी कुछ बेहद लोकप्रिय रचनाये. आज की कविता का शीर्षक है- "स्त्रीलिंग-पुल्लिंग"

                                   "स्त्रीलिंग-पुल्लिंग"
                                  -----------------

स्त्रीलिंग-पुल्लिंग
काका से कहने लगे ठाकुर ठर्रा सिंग,
दाढ़ी स्त्रीलिंग है, ब्लाउज़ है पुल्लिंग।

ब्लाउज़ है पुल्लिंग, भयंकर ग़लती की है,
मर्दों के सिर पर टोपी पगड़ी रख दी है।

कह काका कवि पुरूष वर्ग की क़िस्मत खोटी,
मिसरानी का जूड़ा, मिसरा जी की चोटी।

दुल्हन का सिन्दूर से शोभित हुआ ललाट,
दूल्हा जी के तिलक को रोली हुई अलॉट।

रोली हुई अलॉट, टॉप्स, लॉकेट, दस्ताने,
छल्ला, बिछुआ, हार, नाम सब हैं मर्दाने।

पढ़ी लिखी या अपढ़ देवियाँ पहने बाला,
स्त्रीलिंग ज़ंजीर गले लटकाते लाला।

लाली जी के सामने लाला पकड़ें कान,
उनका घर पुल्लिंग है, स्त्रीलिंग है दुकान।

स्त्रीलिंग दुकान, नाम सब किसने छाँटे,
काजल, पाउडर, हैं पुल्लिंग नाक के काँटे।

कह काका कवि धन्य विधाता भेद न जाना,
मूँछ मर्दों को मिली, किन्तु है नाम जनाना।

ऐसी-ऐसी सैंकड़ों अपने पास मिसाल,
काकी जी का मायका, काका की ससुराल।

काका की ससुराल, बचाओ कृष्णमुरारी,
उनका बेलन देख काँपती छड़ी हमारी।

कैसे जीत सकेंगे उनसे करके झगड़ा,
अपनी चिमटी से उनका चिमटा है तगड़ा।

मन्त्री, सन्तरी, विधायक सभी शब्द पुल्लिंग,
तो भारत सरकार फिर क्यों है स्त्रीलिंग?

क्यों है स्त्रीलिंग, समझ में बात ना आती,
नब्बे प्रतिशत मर्द, किन्तु संसद कहलाती।

काका बस में चढ़े हो गए नर से नारी,
कण्डक्टर ने कहा आ गई एक सवारी।

--काका हाथरसी
(18 Mar 2022)
----------------

                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-काव्यालय.ऑर्ग/युगवाणी)
                     ----------------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-20.01.2023-शुक्रवार.
=========================================