अजय अतुल-खेळ मांडला, देवा....खेळ मांडला...

Started by Atul Kaviraje, January 24, 2023, 10:18:58 PM

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Atul Kaviraje

                     "काही गाणी आठवणीतली, काही साठवणीतली !"
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज ऐकुया, "काही गाणी आठवणीतली, काही साठवणीतली !" या गीत-मालिके -अंतर्गत, एक गीत. या गीताचे शीर्षक आहे- "खेळ मांडला, देवा....खेळ मांडला..."

                            "खेळ मांडला, देवा....खेळ मांडला..."
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तुज्या पायरिशी कुणी सानथोर नाही,
साद सुन्या काळजाची तुझ्या कानी जाई,
हे तरी देवा सर ना ह्यो भोग कशापाई,
हरवली वाट दिशा अंधारल्या धाई,
ओवालुनी उधलतो जिव मायबापा,
वणवा ह्यो उरी पेटला......
खेळ मांडला, खेळ मांडला,
खेळ मांडला, देवा....खेळ मांडला..."

सांडली गाडीत वाहत घेतला वसा तुझा
तूच वाट दाखीवगा खेल मांडिला......
दावी देवा पैल पार पाटिशी तू रहा उभा
ह्यो तुझाच उबर्यत खेल मांडिला.....
हे...

उसवल गण गोत सार
आधार कुणाचा नाही
भेगाडल्या भुई परी जिन
अंगार जिवाला जाळी
बळ दे जुंजायाला कीर्तीची ढाल रे
इन्विती पंच प्राण जिव्हारत थान रे
करपल रं देवा जळल शिवार तरी नाही धीर सांडला
खेळ मांडला...

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गीत-गुरु ठाकुर
संगीत -अजय अतुल
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--प्रकाशक : शंतनू देव
(WEDNESDAY, FEBRUARY 9, 2011)
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                  (साभार आणि सौजन्य-माणिक-मोती.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                             (संदर्भ-♫ गाणीमराठी.com ♫♪)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-24.01.2023-मंगळवार.
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