II यादगार गीत मालिका II-१९४७ अर्थ-रात की दलदल है गाढ़ी रे गाढ़ी रे

Started by Atul Kaviraje, January 26, 2023, 09:23:41 PM

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Atul Kaviraje

                               II यादगार गीत मालिका II
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मित्रो,

     आज सुनते, पढते है-सुनहरे, यादगार गीत (OLD IS GOLD),इस गीत-मालिका अंतर्गत, "१९४७ अर्थ" हिंदी चित्रपट का एक गीत. इस गीत का शीर्षक है- "रात की दलदल है गाढ़ी रे गाढ़ी रे"

                            "रात की दलदल है गाढ़ी रे गाढ़ी रे"
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रात की दलदल है गाढ़ी रे गाढ़ी रे
धड़कन की चले कैसे गाड़ी रे गाड़ी रे

सहमीं सहमीं हैं दिशाएं जैसे कुछ खोने को है
साँस रोके हैं हवाएं जाने क्या होने को है
मौत छुपी झाड़ी-झाड़ी रे झाड़ी रे

दिल के आँगन में हैं फैले साये कैसे ख़ौफ़ के
रो रहे हैं यूँ अँधेरे काँप जाए जो सुने
डूबी समय की है नाड़ी रे नाड़ी रे

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गाना / Title: रात की दलदल है गाढ़ी रे गाढ़ी रे -
                 raat kii daladal hai gaa.Dhii re gaa.Dhii re
चित्रपट / Film: १९४७ अर्थ-(1947 Earth)
संगीतकार / Music Director: ए. आर. रहमान-(A. R. Rahman)
गीतकार / Lyricist: जावेद अख्तर-(Javed Akhtar)
गायक / Singer(s): सुखविंदर सिंग-(Sukhvinder Singh)
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                   (साभार आणि सौजन्य-संदर्भ-लैरिकस इंडिया.नेट)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-26.01.2023-गुरुवार.
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