मेरी धरोहर-कविता सुमन-47-तेरी यादों को भी रुसवा नहीं होने देते...

Started by Atul Kaviraje, January 28, 2023, 09:39:19 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                       "मेरी धरोहर"
                                     कविता सुमन-47
                                    ----------------

मित्रो,

     आज पढेंगे, ख्यातनाम, "मेरी धरोहर" इस शीर्षक अंतर्गत, मशहूर, नवं  कवी-कवियित्रीयोकी कुछ बेहद लोकप्रिय रचनाये. आज की कविता का शीर्षक है- "तेरी यादों को भी रुसवा नहीं होने देते..."

                           "तेरी यादों को भी रुसवा नहीं होने देते..."   
                          -------------------------------------

हम ग़ज़ल में तेरा चर्चा नहीं होने देते
तेरी यादों को भी रुसवा नहीं होने देते

कुछ तो हम खुद भी नहीं चाहते शोहरत अपनी
और कुछ लोग भी ऐसा नहीं होने देते

आज भी गाँव में कुछ कच्चे मकानों वाले
घर में हमसाये के फ़ाक़ा नहीं होने देते

ज़िक्र करते हैं तेरा नाम नहीं लेते हैं
हम समंदर को जज़ीरा नहीं होने देते

मुझको थकने नहीं देता ये ज़रुरत का पहाड़
मेरे बच्चे मुझे बूढ़ा नहीं होने देते

--मेराज फ़ैज़ाबादी
--Posted by yashoda Agrawal
(Sunday, December 29, 2013)
----------------------------------

                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-४ यशोदा.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                       ----------------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-28.01.2023-शनिवार.
=========================================