लफ़्ज़ों का खेल-अमर-न मिलता ग़म तो

Started by Atul Kaviraje, January 28, 2023, 09:59:40 PM

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Atul Kaviraje

                                     "लफ़्ज़ों का खेल"
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मित्रो,

     आज सुनते है, "लफ़्ज़ों का खेल" इस शीर्षक के अंतर्गत, "लता मंगेशकर" की आवाज मे "अमर" फिल्म का गीत.

                                    "न मिलता ग़म तो"
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हो, तमन्ना लुट गई
फिर भी तेरे दम से मोहब्बत है
मुबारक ग़ैर को ख़ुशियाँ
मुझे ग़म से मोहब्बत है

न मिलता ग़म तो बरबादी
के अफ़साने कहाँ जाते
अगर दुनिया चमन होती
तो वीराने कहाँ जाते

चलो, अच्छा हुआ
अपनों में कोई ग़ैर तो निकला
अगर होते सभी अपने
तो बेगाने कहाँ जाते...

दुआएँ दो, मोहब्बत हमने मिटकर
तुमको सिखला दी
न जलती शम्मा महफ़िल में
तो परवाने कहाँ जाते
अगर दुनिया चमन...

तुम्हीं ने ग़म की दौलत दी
बड़ा एहसान फ़रमाया
ज़माने भर के आगे
हाथ फैलाने कहाँ जाते
न मिलता ग़म तो...

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न मिलता ग़म तो - Na Milta Gham To
Movie/Album: अमर (1954)
Music By: नौशाद अली
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: लता मंगेशकर
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               (साभार एवं सौजन्य-हिंदी लैरिकस प्रतीक.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                       (संदर्भ-Lyrics In Hindi-लफ़्ज़ों का खेल)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-28.01.2023-शनिवार.
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