लफ़्ज़ों का खेल-जंगली-याहू...चाहे कोई मुझे जंगली कहे

Started by Atul Kaviraje, January 29, 2023, 09:03:20 PM

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Atul Kaviraje

                                      "लफ़्ज़ों का खेल"
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मित्रो,

     आज सुनते है, "लफ़्ज़ों का खेल" इस शीर्षक के अंतर्गत, "मोहम्मद रफ़ी" की आवाज मे "जंगली" फिल्म का गीत.

                              "याहू...चाहे कोई मुझे जंगली कहे"
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याहू... याहू

चाहे कोई मुझे जंगली कहे
कहने दो जी कहता रहे
हम प्यार के तूफानों में घिरे हैं
हम क्या करें
चाहे कोई मुझे जंगली कहे...

याहू... याहू

मेरे सीने में भी दिल है
हैं मेरे भी कुछ अरमाँ
मुझे पत्थर तो न समझो
मैं हूँ आखिर एक इनसाँ
राह मेरी वही
जिस पे दुनिया चली
चाहे कोई मुझे जंगली कहे...

याहू... याहू

सर्द आँहें कह रही हैं
है ये कैसी बला की आग
सोते-सोते ज़िन्दगानी
घबरा के उठी है जाग
मैं यहाँ से वहाँ
जैसे ये आसमाँ
चाहे कोई मुझे जंगली कहे...

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याहू चाहे कोई मुझे जंगली -Yahoo Chahe Koi Mujhe Junglee
Movie/Album: जंगली (1961)
Music By: शंकर-जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
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                (साभार एवं सौजन्य-हिंदी लैरिकस प्रतीक.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                        (संदर्भ-Lyrics In Hindi-लफ़्ज़ों का खेल)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-29.01.2023-रविवार.
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