मेरी धरोहर-कविता सुमन-49-जैसे ही आप की हूक दिल में उठने लगी

Started by Atul Kaviraje, January 30, 2023, 09:12:05 PM

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Atul Kaviraje

                                     "मेरी धरोहर"
                                   कविता सुमन-49
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मित्रो,

     आज पढेंगे, ख्यातनाम, "मेरी धरोहर" इस शीर्षक अंतर्गत, मशहूर, नवं  कवी-कवियित्रीयोकी कुछ बेहद लोकप्रिय रचनाये. आज की कविता का शीर्षक है- "ये जैसे ही आप की हूक दिल में उठने लगी"

                         "जैसे ही आप की हूक दिल में उठने लगी"   
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जैसे ही आप की हूक दिल में उठने लगी,
ज़िन्दगी सारे पन्नों को उलटने लगी

बस आप के चन्द्र-मुख को देखा ही था
कि इस हृदय की नदी घाट चढ़ने लगी

प्रिय तनने लगे तो वह लता बन कर
क्षण-क्षण में चढ़ने और उतरने लगी

प्रेम के रंग ने जीवन में रस भर दिया है,
मानो रेत पानी के जैसा व्यवहार करने लगी है

मन की आवाज़ सुन कर यह चमत्कार हुआ
कि ओस की एक बूँद से ही प्यास बुझने लगी है

--Posted by yashoda Agrawal
(Saturday, December 28, 2013)
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                    (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-४ यशोदा.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-30.01.2023-सोमवार.
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