ऑल इंडिया ब्लॉगर्स असोसिएशन-अन्ना अपने आस्तीन के साँपों को मारे-अ

Started by Atul Kaviraje, January 31, 2023, 09:17:01 PM

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Atul Kaviraje

                              "ऑल इंडिया ब्लॉगर्स असोसिएशन"
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मित्रो,

     आज सुनते है, "ऑल इंडिया ब्लॉगर्स असोसिएशन" इस ब्लॉग के अंतर्गत, एक लेख/कविता.

आसमान पर थूकने वाले लोगों का थूक उनके मुंह पर ही आन गिरा ...बेईमान सांसदों को जनता से धोखे के लियें दंड कोन देगा ..अन्ना अपने आस्तीन के साँपों को मारे-अ-
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     संसद के अंदर और संसद के बाहर अन्ना की आलोचना करने वाले सत्ताधारी लोगों के चेहरे पर कल लोकपाल के बहुत का जो तमाचा पढ़ा है उससे वोह सभी हमेशां के लियें लडखडा गए हैं और अब उनका राजनीति में सम्भाल पाना मुश्किल ही नहीं ना मुमकिन लग रहा है जो गलती अन्ना के खिलाफ सत्ता पक्ष ने की वही गलती अन्ना ने आखरी लम्हों में कुछ अपनों के हाथों गुमराह होकर सत्ता के खिलाफ घुटने टेक कर की लेकिन फिर भी अन्ना तो हीरो थे और हार कर भी हीरो बन कर उभरे है सरकार के पास तो अब सम्भलने का वक्त नहीं लेकिन अन्ना के पास अभी सम्भलने का बहुत वक्त है अगर वोह ज़िम्मेदारी से सम्भले तो एक बार फिर वोह २०१२ के जनता हीरो साबित होंगे.

     दोस्तों आप सभी जानते है के देश में लोकपाल के नाम पर कोंग्रेस हो चाहे भाजपा हो सभी दलों ने नोटंकी की है और खासकर कोंग्रेस और सहयोगी दलों की नोटंकी तो देश को कभी माफ़ नहीं करना चाहिए .सब जानते हैं के अन्ना के आन्दोलन के बाद कथित ठंडे बसते में पढ़े लोकपाल बिल से धूल छंटी कमजोर लोकपाल बिल को और कमजोर बनाया गया अन्ना और समर्थकों ने वकीलों ने इसका जब विरोध किया तो कोंग्रेस और समर्थित दलों ने सभी का मजाक उढ़ाया ..अन्ना और समर्थकों को डराया धमकाया और यहाँ तक के उन पर हमले करवाने की साजिशें तक रचीं अन्ना के खिलाफ जनता को भडकाया गया उनकी टीम में फुट डाली गयी और आखिर आखरी लम्हों में जब लोकसभा में लंगडा और कमजोर लोकपाल बिल पेश हुआ तो अन्ना ने हुनकर भरी लेकिन उन्हें उनके समर्थकों ने कोंग्रेस से इन्टरनल पेक्ट कर दिल्ली से महाराष्ट्र भेज दिया उनकी दलील थी दिल्ली में ठंड है अन्ना नहीं माने तो अन्ना को समझाया गया के आपका और आपके लोकपाल का शिवसेना खुला विरोध कर रही है इसलियें अगर महाराष्ट्र मुंबई शिवसेना के गढ़ में यह अनशन होगा तो देश देखेगा और सरकार पर दबाव बढ़ेगा लेकिन सब बेकार लोकसभा में बिल पेश हुआ अन्ना अनशन पर बेठे बीमार हुए भीड़ जमा नहीं हुई और लोकसभा में कोग्न्रेस के सांसदों के नहीं पहुंचने पर भी यह बिल सपा और बसपा के सांसदों के वाक् आउट के बाद पारित कर दिया गया अन्ना घबरा गये उनके समर्थक जो पहले से ही कोंग्रेस से मेच फिक्सिंग कर चुके थे फिर अन्ना को अनशन तोड़ने और जेल भरो आन्दोलन खत्म करने का एलान करवाने में कामयाब हुए बस यहीं अन्ना से चुक हो गयी उन्होंने अपने आस्तीन में पलने वाले साँपों को नहीं पहचाना और वोह खुद जो शेर कहलाते थे सरकार के सामने मेमने से नज़र आने लगे निराश हताश अन्ना घबरा गये थे लेकिन कहते हैं के जनहित में लोकहित में इश्वर खुदा अल्लाह का नाम लेकर अगर कोई काम किया जाए तो गेब से उसमे खुदा मदद करता है यहाँ भी यही सब हुआ ..

--अख्तर खान अकेला
कोटा राजस्थान
(शुक्रवार, 30 दिसंबर 2011)
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  (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-allindiabloggersassociation.blogspot.com)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-31.01.2023-मंगळवार.
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