बालगंधर्व-वद जाऊ कुणाला शरण

Started by Atul Kaviraje, February 01, 2023, 09:45:20 PM

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Atul Kaviraje

                    "काही गाणी आठवणीतली, काही साठवणीतली !"
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज ऐकुया, "काही गाणी आठवणीतली, काही साठवणीतली !" या गीत-मालिके -अंतर्गत, बालगंधर्व यांनी गायिलेले एक गीत. या गीताचे शीर्षक आहे- "वद जाऊ कुणाला शरण"

                               "वद जाऊ कुणाला शरण"
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वद जाऊ कुणाला शरण, करील जो हरण संकटाचे
मी धरीन चरण त्याचे, अग सखये मी धरीन चरण त्याचे ।। 1 ।।

बहु आप्त बंधु बांधवा, आर्थिले कथुनी दु:ख मनीचे
ते होय विफल साचे, अग सखयो मी धरीन चरण त्याचे ।। 2 ।।

मम तात जननी मात्र ती, बघुनि कष्ट हाल इचे
नचलेचि काही त्यांचे, अग सखचे मी धरीन चरण त्याचे ।। 3 ।।

जे कर जोडुनि मजपुढे, नाचले थवे यादवांचे
प्रतिकूल होती साचे, अग सखये मी धरीन चरण त्याचे ।। 4 ।।

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गीत - अण्णासाहेब किर्लोस्कर
संगीत -अण्णासाहेब किर्लोस्कर
स्वर - बालगंधर्व
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--प्रकाशक : शंतनू देव
(SUNDAY, JANUARY 30, 2011)
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                   (साभार आणि सौजन्य-माणिक-मोती.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                              (संदर्भ-♫ गाणीमराठी.com ♫♪)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-01.02.2023-बुधवार.
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