मेरी धरोहर-कविता सुमन-53-मुश्किल है ये जीवन, इसे आसान करेंगे...

Started by Atul Kaviraje, February 03, 2023, 10:01:10 PM

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Atul Kaviraje

                                      "मेरी धरोहर"
                                    कविता सुमन-53
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मित्रो,

     आज पढेंगे, ख्यातनाम, "मेरी धरोहर" इस शीर्षक अंतर्गत, मशहूर, नवं  कवी-कवियित्रीयोकी कुछ बेहद लोकप्रिय रचनाये. आज की कविता का शीर्षक है- " मुश्किल है ये जीवन, इसे आसान करेंगे...."

                          "मुश्किल है ये जीवन, इसे आसान करेंगे...."   
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अंजान हैं, इक दूजे से पहचान करेंगे
मुश्किल है ये जीवन, इसे आसान करेंगे

खाई है क़सम साथ निभाने की हमेशा
हम आज सरेआम ये ऐलान करेंगे

इज़्ज़त हो बुज़ुर्गों की तो बच्चों को मिले नेह
इक दूजे के माँ-बाप का सम्मान करेंगे

हम त्याग, सदाचार, भरोसे की मदद से
हर हाल में परिवार का उत्थान करेंगे

आपस ही में रक्खेंगे फ़क़त, ख़ास वो रिश्ते
हरगिज़ न किसी और का हम ध्यान करेंगे

हर धर्म निभाएंगे हम इक साथ है वादा
तन्हा न कोई आज से अभियान करेंगे

सुख-दुख हो, बुरा वक़्त हो, या कोई मुसीबत
मिल बैठ के हम सबका समाधान करेंगे

जीना है हक़ीक़त के धरातल पे ये जीवन
सपनोँ से नहीं ख़ुद को परेशान करेंगे

जन्नत को उतारेंगे यही मंत्र ज़मीं पर
सब मिल के 'रक़ीब' इनका जो गुणगान करेंगे

--सतीश शुक्ला "रकीब"
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--श्री नीरज गोस्वामी के ब्लाग से
--Posted by yashoda Agrawal
(Wednesday, December 25, 2013)
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                    (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-४ यशोदा.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-03.02.2023-शुक्रवार.
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