मेरी धरोहर-कविता सुमन-67-मैं ख़ुद को आज़माना चाहता हूँ...

Started by Atul Kaviraje, February 17, 2023, 10:40:49 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                     "मेरी धरोहर"
                                   कविता सुमन-67
                                  ----------------

मित्रो,

     आज पढेंगे, ख्यातनाम, "मेरी धरोहर" इस शीर्षक अंतर्गत, मशहूर, नवं  कवी-कवियित्रीयोकी कुछ बेहद लोकप्रिय रचनाये. आज की कविता का शीर्षक है- "मैं ख़ुद को आज़माना चाहता हूँ..."

                             "मैं ख़ुद को आज़माना चाहता हूँ..."   
                            --------------------------------

ख़ला को छू के आना चाहता हूँ
मैं ख़ुद को आज़माना चाहता हूँ

मेरी ख़्वाहिश तुझे पाना नहीं है
ज़रा सा हक़ जताना चाहता हूँ

तुझे ये जान कर हैरत तो होगी
मैं अब भी मुस्कुराना चाहता हूँ

तेरे हंसने की इक आवाज़ सुन कर
तेरी महफ़िल में आना चाहता हूँ

मेरी ख़ामोशियों की बात सुन लो
ख़मोशी से बताना चाहता हूँ

बहुत तब्दीलियाँ करनी हैं ख़ुद में
नया किरदार पाना चाहता हूं.....!!

--प्रखर मालवीय `कान्हा'
आजमगढ़
----------------------
--yashoda Agrawal
(Wednesday, November 06)
-------------------------------

                     (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-४ यशोदा.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                    -----------------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-17.02.2023-शुक्रवार.
=========================================