II ओम नमः शिवाय II-महाशिवरात्री-कविता-2

Started by Atul Kaviraje, February 18, 2023, 11:26:17 AM

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Atul Kaviraje


                                  II ओम नमः शिवाय II 
                                       महाशिवरात्री
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मित्रो,

     आज दिनांक-१८.०२.२०२३-शनिवार है. आज महाशिवरात्री की पावन रात है.  हिंदू पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि का त्योहार हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. ऐसी मान्यताएं है कि इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था. ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का धरती पर प्रकाट्य हुआ था. मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन कवी-कवियित्रीयोको महाशिवरात्री की पूजनीय हार्दिक शुभकामनाये. आईए पढते है भगवान शिवजी की कुछ कविताये-रचनाये.

     शिवरात्रि का नाम किस प्रकार पड़ा - शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव सभी जीव जन्तुओ के स्वामी ओर अधिनायक है ये सभी जीव जंतु किट पतंग भगवान शिव की इच्छा वसे ही सब प्रकार के कार्य होता है शिव जी छः माह तक कैलाश पर्वत से उतर कर धरती पर श्मशान घाट में निवाश  किया करते है इनके धरती पर अवतरण प्रायः फाल्गुन माश  के कृष्णा पक्ष की त्रयोदसी तिथि को हुआ करता है आवतरण का यह महान दिन शिवभक्तो में मनाया जाता है ।

उसका तो ढंग निराला है
बाबा मेरा भोला भाला है
सर पर धारण की है गंगा
गले में नाच रहे हैं भुजंगा
माथे पर शोभित है चंदा
वनों में घूमे, मस्त मलंगा
पी लिया विष का प्याला है
बाबा मेरा भोला भाला है...

पर्वत पर डाला है डेरा
भूतों के संग करता बसेरा
भस्म लगाए, वो धूनी रमाए
श्मशानों में लगाता फेरा
ऐसा मेरा डमरू वाला है
बाबा मेरा भोला भाला है...

मन की सारी पूरी करता
झोली खुशियों की है भरता
सबके दुखों को भी है हरता
हर पल सबकी रक्षा करता
वो तो दीन दयाला है
बाबा मेरा भोला भाला है...

                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-लाईफ विंग्झ.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-१८.०२.२०२३-शनिवार
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