II छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती II-कविता-7

Started by Atul Kaviraje, February 19, 2023, 11:09:52 AM

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Atul Kaviraje

                             II छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती II
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मित्रो,

     आज दिनांक-१९.०२.२०२३-रविवार है I छत्रपती शिवाजी महाराज की आज तारीखवार जयंती है I छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1627 को मराठा परिवार में शिवनेरी (महाराष्ट्र) में हुआ  था। शिवाजी के पिता शाहजी और माता जीजाबाई थी।  वे एक भारतीय शासक थे, जिन्होंने मराठा साम्राज्य खड़ा किया था। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वे बहादुर, बुद्धिमानी, शौर्यवीर और दयालु शासक थे। इसीलिए उन्हें एक अग्रगण्य वीर एवं अमर स्वतंत्रता-सेनानी स्वीकार किया जाता है। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन कवी-कवयित्रियोंको छत्रपती शिवाजी महाराज जयंती की हार्दिक शुभकामनाये I आईए, पढते है, शिवाजी महाराज की कुछ कविताये-रचनाये--

     छत्रपति शिवजी का पूरा नाम शिवाजी राजे भोसले भी था १९ फरवरी, १६३० शिवनेरी दुर्ग में हुआ था यह सम्भाजी के उत्तराधिकारी थे इनकी मृत्यु ३ अप्रैल, १६८० रायगढ़ में हुई थी | इनके पिता का नाम शाहजी भोंसले तथा माता का नाम जीजाबाई था वह एक प्रतापी शासक थे | इसीलिए हम आपको छत्रपति जी द्वारा बताई गयी कुछ कविताओं के बारे में बताते है जो की आपके लिए काफी प्रेरणादायी है जिसकी मदद से आप शिवजी के बारे में अन्य जानकारी भी जान सकते है |

शिवाजी महाराज पर कविता –

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हम न समझे थे बात इतनी सी,
लाठी हाथ में थी
पिस्तौल कमर पे थी,
गाड़ियाँ फूंकी थी
आँखे नशीली थी,
धक्का देते उनको तो भी वो जलते
थे,
हम न समझे थे बात इतनी सी,
होंसला बुलंद था,
इज्जत लुट रही थी,
गिराते एक एक को,
क्या जरुरत थी इशारो की,
हम न समझे बात इतनी सी,
हम न समझे बात इतनी सी,
हिम्मत की गद्दारों ने,
अमर ज्योति को हाथ लगाने की,
काट देते हाथ उनके तो
फ़रियाद किसी की भी ना होती,
हम न समझे बात इतनी सी
भूल गये वो रमजान
भूल गये वो इंसानियत,
घात उतार देते एक एक को,
अरे, क्या जरुरत थी किसी से डरने
की,
संगीन लाठी तो आपके हाथ में थी
हम न समझे थे बात इतनी सी,
हमला तो हमपे था,
जनता देख रही थी,
खेलते गोलियों की होली तो,
जरुरत न पड़ती रावण जलाने की,
रमजान के साथ
दिवाली भी होती
हम न समझे थे बात इतनी सी,
सांप को दूध पिलाकर
बात करते है हम भाईचारा की,
ख्वाब अमर जवानों के,
जनता भी डरी डरी सी,
हम न समझे बात इतनी सी
हम न समझे बात इतनी सी
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                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी गाईड्स.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-19.02.2023-रविवार.
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