लफ़्ज़ों का खेल-मज़ा-मैं गैरों की बाहों में...

Started by Atul Kaviraje, February 27, 2023, 10:43:12 PM

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Atul Kaviraje

                                    "लफ़्ज़ों का खेल"
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मित्रो,

     आज सुनते है, "लफ़्ज़ों का खेल" इस शीर्षक के अंतर्गत, "बी प्राक" की आवाज मे "मज़ा" फिल्म का गीत.

                                 "मैं गैरों की बाहों में..."
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मैं गैरों की बाहों में, देखा है सो के
सच बताएँ मज़ा आ गया
तू तू है मेरी जाँ, कोई तुझसा कहीं ना
थी उनकी जो खुश्बू समझ आ गया
मैं गैरों की बाहों में...

भटक गये थे, हम एक शाम को
किया है खराब, खराब तेरे नाम को
क्यूँ दिल तेरा तोड़ा, ये पूछने कल तो
सपने में मेरे खुदा आ गया
मैं गैरों की बाहों में...

दरिया ये दरिया, दरिया न होता
न होता जो इसका किनारा
अक्ल ठिकाने आई हमारी
तुमसे बिछड़ कर ओ यारा
रात को निकला था, तेरी गली से
ठोकर मैं खा के सुबह आ गया
मैं गैरों की बाहों में...

ये आखिरी ग़लती थी आखिरी मौका
दे दे दे ना मुझको तू साकी
अब तेरे पैरों में काटेंगे यारा
जितनी भी ज़िंदगी है बाकी
हो जानी के अंदर जो जानी आवारा था
जानी वो खुद ही जला आ गया
मैं गैरों की बाहों में...

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मज़ा - Mazaa (B Praak)
Movie/Album: मज़ा(2021)
Music By: बी प्राक
Lyrics By: जानी
Performed By: बी प्राक
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               (साभार एवं सौजन्य-हिंदी लैरिकस प्रतीक.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                       (संदर्भ-Lyrics In Hindi-लफ़्ज़ों का खेल)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-27.02.2023-सोमवार. 
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