नेट-भेट-गीत-भेट-17-असा हा एकच श्रीहनुमान्

Started by Atul Kaviraje, March 01, 2023, 10:21:32 PM

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Atul Kaviraje

                                     "नेट-भेट"
                                    गीत-भेट-17
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     "नेट-भेट" च्या अंतर्गत आज पाहूया आणि ऐकुया एका सुंदर आणि प्रसिद्ध गाण्याची भेट. या गाण्याचे बोल आहेत- "असा हा एकच श्रीहनुमान्"

                              "असा हा एकच श्रीहनुमान्"
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तरुन जो जाइल सिंधु महान
असा हा एकच श्रीहनुमान्‌

भुजंग धरुनी दोन्हीं चरणीं
झेपेसरशी समुद्र लंघुनि
गरुड उभारी पंखां गगनीं
गरुडाहुन बलवान्‌

अंजनिचा हा बलाढ्य आत्मज
हा अनिलाचा सुपुत्र क्षेत्रज
निजशक्तीनें ताडिल दिग्गज
बलशाली धीमान्‌

सूर्योदयिं हा वीर जन्मला
त्रिशत योजनें नभीं उडाला
समजुनिया फळ रविबिंबाला
धरुं गेला भास्वान्‌

बाल-वीर हा रवितें धरितां
भरें कापरें तीन्ही जगतां
या इवल्याशा बाळाकरितां
वज्र धरी मघवान्‌

देवेंद्राच्या वज्राघातें
जरा दुखापत होय हनुतें

कोप अनावर येइ वायुतें
थांबे तो गतिमान्‌

पवन थांबता थांबे जीवन
देव वायुचें करिती सांत्वन
पुत्रातें वर त्याच्या देउन
गौरविती भगवान्‌

शस्त्र न छेदिल या समरांगणिं
विष्णुवरानें इच्छामरणी
ज्याच्या तेजें दिपे दिनमणी
चिरतर आयुष्मान्‌

करि हनुमन्ता, निष्चय मनसा
सामान्य न तूं या कपिजनसा

उचल एकदां पद वामनसा
घे विजयी उड्डाण

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गीतकार -ग. दि. माडगूळकर
संगीतकार -सुधीर फडके
गायक -सुधीर फडके
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                  (साभार आणि सौजन्य-संदर्भ मराठी सॉंग्स.नेटभेट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-01.03.2023-बुधवार.
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