भारत डिस्कव्हरी-अंजलाई अम्मल

Started by Atul Kaviraje, March 03, 2023, 10:41:33 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                   "भारत डिस्कव्हरी"
                                  ------------------

मित्रो,

     "भारत डिस्कव्हरी" विषया-अंतर्गत, आज पढेंगे "इतिहास-कोश" इस श्रेणी-अंतर्गत एक इतिहास लेख. इस लेख का शीर्षक है- अंजलाई अम्मल.

                                  "अंजलाई अम्मल"
                                 -----------------

     अंजलाई अम्मल (अंग्रेज़ी: Anjalai Ammal, जन्म- 1890; मृत्यु- 20 जनवरी, 1961) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थीं। स्वतंत्रता के लिए ज़ोरदार संघर्ष करने वाली भारतीय वीरांगनाओं में से अंजलाई अम्मल भी एक थीं।

                     परिचय--

     अंजलाई अम्मल का जन्म 1890 में मुदुनगर नामक एक साधारण शहर में हुआ था जो कदलूर में स्थित है। वह एक साधारण परिवार में पैदा हुई थी। उन्होंने पांचवीं कक्षा तक अध्ययन किया। उनके पति मुरुगप्पा थे, जो एक पत्रिका में एजेंट थे। उन्होंने महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में शामिल होने से अपनी राजनीतिक जिंदगी शुरू की।

                      स्वतंत्रता संघर्ष--

     अंजलाई अम्मल 1921 में गैर-सहकारी आंदोलन में भाग लेने के लिए दक्षिण भारत की पहली महिला थीं। उन्होंने अपनी पारिवारिक भूमि, उनके घर को बेच दिया और स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष के लिए पैसा खर्च किया। 1927 में उन्होंने नीलन की मूर्ति को हटाने के संघर्ष में भाग लिया। नीलन की मूर्ति को हटाने के लिए जो संघर्ष हुआ, उसमें भाग लेने के लिए उन्हें अपने नौ वर्षीय बच्चे अम्माकणु को साथ लेकर जेल जाना पड़ा। गाँधी जी ने अम्माकणु का नाम लीलावथी रखा और उन्हें उनके साथ वर्धा आश्रम ले गए। 1930 में नमक सत्याग्रह में उनकी भागीदारी के कारण वह बुरी तरह घायल हो गई थीं।

                    दक्षिण भारत की झांसी की रानी--

     सन 1931 में उन्होंने अखिल भारतीय महिला कांग्रेस मीटिंग की अध्यक्षता की। 1932 में उन्होंने एक और संघर्ष में हिस्सा लिया जिसके लिए उन्हें वेल्लोर जेल भेजा गया था। वे गर्भवती थीं, जब उन्हें वेल्लोर जेल भेजा गया था। डिलीवरी के कारण उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। उनके बेटे के जन्म के दो सप्ताह बाद, उन्हें वापस वेल्लोर जेल भेजा गया। एक बार गांधी कडलुर आए, लेकिन ब्रिटिश सरकार ने उन्हें अंजलाई अम्मल से मिलने नहीं दिया। लेकिन अंजलाई अम्माल बुर्का पहने हुए घोड़ा गाड़ी में आई और उनसे मुलाकात की। उनकी हिम्मत के कारण गांधीजी ने उन्हें दक्षिण भारत की झांसी रानी कहा।

                     विधानसभा सदस्य--

     सन 1947 में भारत की आजादी के बाद वह तीन बार तमिलनाडु विधान सभा की सदस्या चुनी गई थीं।

                  मृत्यु--

     20 जनवरी, 1961 को अंजलाई अम्मल का निधन हो गया।

--भारत डिस्कव्हरी
-----------------

                     (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-भारत डिस्कव्हरी.org)
                    --------------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-03.03.2023-शुक्रवार.
=========================================