लफ़्ज़ों का खेल-गुनाहों का देवता-महफ़िल में शमा चमकी...

Started by Atul Kaviraje, March 04, 2023, 10:55:45 PM

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Atul Kaviraje

                                    "लफ़्ज़ों का खेल"
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मित्रो,

     आज सुनते है, "लफ़्ज़ों का खेल" इस शीर्षक के अंतर्गत, "मो.रफ़ी, मन्ना दे" की आवाज मे "गुनाहों का देवता" फिल्म का गीत.

                               "महफ़िल में शमा चमकी..."
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आए हैं बड़ी दूर से
सरकार के लिए
कब से तरस रहे थे
तेरे दीदार के लिए

कौन हो?
किस लिए आए हो
नाराज़ ना हो सरकार
हम तो इसलिए आए हैं

महफ़िल में शमा चमकी
परवाने चले आए
अब तो नज़र झुका लो
दीवाने चले आए
महफ़िल में शमा चमकी...

रंगीन ज़माना है, महफ़िल पे जवानी है
जो तेरा फ़साना है, वो मेरी कहानी है
आँखों से तेरी पीने, मस्ताने चले आए
महफ़िल में शमा चमकी...

जब दिल में मोहब्बत हो, होता है असर दिल पर
भटका हुआ आशिक भी, आ जाता है मंज़िल पर
हम भी तेरे दिल को, बहलाने चले आए
महफ़िल में शमा चमकी...

हर एक अदा मेरी, देती है दुआ तुमको
मेरी भी उमर दे दे, ये मेरा खुदा तुमको
हम भी तो तुम्हारे हैं, जतलाने चले आए
अब तो नज़र झुका लो...

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महफ़िल में शमा चमकी-Mehfil Mein Shama Chamki
Movie/Album: गुनाहों का देवता (1967)
Music By: शंकर-जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By:मो.रफ़ी, मन्ना दे
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               (साभार एवं सौजन्य-हिंदी लैरिकस प्रतीक.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                       (संदर्भ-Lyrics In Hindi-लफ़्ज़ों का खेल)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-04.03.2023-शनिवार.
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