होली-रंगपंचमी-कविता-3

Started by Atul Kaviraje, March 06, 2023, 11:12:30 AM

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Atul Kaviraje

                                     होली-रंगपंचमी
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मित्रो,

     आज दिनांक-०६.०३.२०२३-सोमवार है. आज होली है. आईए, सभी बुरी, अनिष्ट प्रवृत्तियों को इस होली मे जलIकर नाश करे, एवं अच्छे विचारोका अवलंब करे. मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन कवी-कवियित्रीयोको होली की अनेक हार्दिक शुभेच्छाये. आईए, पढते होली की कुछ कविताये-रचनाये--

एक बार फिर होली आई है,
साथ ढेर सारी यादे लाई है।
याद आती है वो बचपन की होली,
गुब्बारों से जब खेला करते थे।

पिचकारियों में रंग भरा करते थे,
दोस्तों से रंगों पे झगड़ा करते थे।

याद आती है वो ठुमको वाली होली,
नाचते हुए जब झुमा करते थे,
ठहाके के संग जिया करते थे,
अपनों को भी रंग लगवाया करते थे।

याद आती है वो पकवानों वाली होली,
गुजियों की थाली को देखा करते थे,
पेट भर के जब खाया करते थे,
गरीबों को भी खिलाया करते थे।

याद आती है वो बचपन वाली होली,
दिल से जब जिया करते थे।

                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-अजब गजब.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-06.03.2023-सोमवार.
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