होली-रंगपंचमी-कविता-9

Started by Atul Kaviraje, March 06, 2023, 11:19:20 AM

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Atul Kaviraje

                                      होली-रंगपंचमी
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मित्रो,

     आज दिनांक-०६.०३.२०२३-सोमवार है. आज होली है. आईए, सभी बुरी, अनिष्ट प्रवृत्तियों को इस होली मे जलIकर नाश करे, एवं अच्छे विचारोका अवलंब करे. मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन कवी-कवियित्रीयोको होली की अनेक हार्दिक शुभेच्छाये. आईए, पढते होली की कुछ कविताये-रचनाये--

सच है, नहीं ठिठोली है
चेहरों पर रंगोली है
देश देश में गाँव गाँव में
होली है भई होली है

पत्रिकाओं में अखबारों में
गली गली में चौबारों में
हम मस्तों की टोली है
होली है भई होली है
कहीं रंग है कहीं भंग है
बड़ी उमंग में कहीं चंग है
मौसम भी हमजोली है
होली है भई होली है

कहीं राग है कहीं फाग है
चौरस्ते होलिका आग है
ठंडाई भी घोली है
होली है भई होली है
धूप धूप में छाँह छाँह में
हर अंजुरी हर एक बाँह में
गुझिया पूरनपोली है
होली है भई होली है

ऋतुओं पर ठहरा गुलाल है
रंग रंगा हर नौनिहाल है
कोयल कूहू बोली है
होली है भई होली है
नया घाघरा नई कुर्तियाँ
नये पजामे नई जूतियाँ
चूड़ी चुनरी चोली है
होली है भई होली है

                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-अजब गजब.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-06.03.2023-सोमवार.
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