दिन-विशेष-लेख-पाकिस्तानचा प्रजासत्ताक दिन

Started by Atul Kaviraje, March 23, 2023, 09:59:38 PM

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Atul Kaviraje

                                   "दिन-विशेष-लेख"
                             "पाकिस्तानचा प्रजासत्ताक दिन"
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज दिनांक-२३.०३.२०२३-गुरुवार आहे, मार्च २३ हा दिवस "पाकिस्तानचा प्रजासत्ताक दिन" म्हणूनही ओळखला जातो. वाचूया, तर या दिवसाचे महत्त्व, आजच्या या "दिन-विशेष-लेख" या शीर्षकI-अंतर्गत.

              पाकिस्तान दिवस--

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आधिकारिक नाम-उर्दू: یوم پاکستان
यौम ए पाकिस्तान
अनुयायी-पाकिस्तान
उद्देश्य-क़रारदाद-ए-पाकिस्तान और पाकिस्तान के पहले संविधान के प्रवर्तन के उपलक्ष में
उत्सव-संपूर्ण सैन्य परेड व पदक वितरण
अनुष्ठान-पाकिस्तान (पाकिस्तान के विलेशी आयुक्त व अन्य राजनयिक अभियान)
तिथि-23 मार्च
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     पाकिस्तान दिवस(उर्दू: یوم پاکستان; यौम-ए पाकिस्तान) या(पूर्वतः) गणतन्त्र दिवस(यौम-ए-जम्हूरिया) पाकिस्तान में मनाया जाने वाला एक राष्ट्रीय दिवस है। इसे लाहौर संकल्प और पाकिस्तान के पहले संविधान के पारित होने के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 23 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन को पाकिस्तान में पाकिस्तानी इतिहास का एक बहुत महत्वपूर्ण दिवस माना जाता है, क्योंकि इसी दिन सन 1940 में, 22 से 24 मार्च तक चले, अखिल भारतीय मुस्लिम लीग के लाहौर सत्र में, लाहौर प्रस्ताव(जिसे पाकिस्तान में क़रारदाद-ए पाकिस्तान(पाकिस्तान संकल्पना) भी कहा जाता है) की पेशकश की गई थी जिसके आधार पर ही मुस्लिम लीग ने भारत के मुसलमानों के लिये अलग देश के अधिग्रहण के लिए आन्दोलन शुरू किया था। साथ ही 23 मार्च 1956 को पाकिस्तान के पहले संविधान को अपनाया गया था, जिसने रियासत-ए-पाकिस्तान को, अधिराजकीय, पाकिस्तान अधिराज्य से विश्व के पहले इस्लामी गणराज्य, इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान में परिवर्तित कर दिया। इस दिन ("23 मार्च") को पूरे पाकिस्तान में छुट्टी होती है।

     लाहौर प्रस्तावना को सन 1940 में अखिल भारतीय मुस्लिम लीग की लाहौर सत्र में प्रस्तावित किया गया था, इसे मुस्लिम लीग के 22 से 24 मार्च 1940 में चले तीन दिवसीय लाहौर सत्र के दौरान पारित किया गया था। इस प्रस्ताव द्वारा ब्रिटिश भारत के उत्तर पश्चिमी पूर्वी क्षेत्रों में, तथाकथित तौर पर, मुसलमानों के लिए "स्वतन्त्र रियासतों" की माँग की गई थी एवं उक्तकथित इकाइयों में शामिल प्रान्तों को स्वायत्तता एवं सम्प्रभुता युक्त बनाने की भी बात की गई थी। तत्पश्चात, यह संकल्पना "भारत के मुसलमानों" के लिए पाकिस्तान नामक एक अलग स्वतन्त्र स्वायत्त देश बनाने की माँग में परिवर्तित हो गया।

     हालाँकि पाकिस्तान नाम को चौधरी चौधरी रहमत अली द्वारा पहले ही प्रस्तावित कर दिया गया था परन्तु  सन 1933 तक मोहम्मद अली जिन्ना एवं अन्य मुसलमान नेता हिन्दू मुस्लिम एकता के सिद्धान्त पर दृढ़ थे, परन्तु अंग्रेजों द्वारा लगातार प्रचारित किए जा रहे विभाजन प्रोत्साह गलतफहमियों के कारण मुसलमानों में हिन्दुओं के प्रति अविश्वास और द्वेष की भावना को जगा दिया था इन परिस्थितियों द्वारा खड़े हुए अतिसंवेदनशील राजनैतिक माहौल ने भी पाकिस्तान बनाने के उस प्रस्ताव को बढ़ावा दिया था I

                    विशेष परेड--

     दिन पाकिस्तान को मनाने के लिए हर साल 23 मार्च को विशेष समारोह का आयोजन किया जाता है जिसमें आम तौरपर इस समारोह के मुख्य अतिथी, पाकिस्तान के राष्ट्रपति होते हैं एवं पाकिस्तान के अन्य मन्त्री व सेनाध्यक्ष शामिल होते हैं। समारोह में मुख्य आकर्षण पाकिस्तान के सशस्त्र बल द्वारा की गई परेड होती है, इसके अलावा विभिन्न राज्य सम्पत्ति और विभिन्न वस्तुओं का प्रदर्शन किया जाता है। इस अवसर पर देश भर से लोग सैन्य परेड को देखने के लिए इकट्ठे होते हैं, इस परेड को पाकिस्तान के सभी समाचार व राष्ट्रीय चैनलों पर प्रसारित भी किया जाता है। साथ ही इस दिन को पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा विशेष पदक और सम्मान भी सौंपे जाते हैं। 2008 के बाद सुरक्षा चिंताओं और देश की समस्याओं के कारण परेड का आयोजन स्थगित कर दिये गया था। लेकिन 23 मार्च 2015 एक बार फिर इस समारोह को मनाने की शुरूआत हो रहा है।

                     मुख्य अतिथि--

     हालाँकि, आमतौर पर ऐसा नहीं किया जाता है, परन्तु कुछ अति दुर्लभ अवसरों पर इस समारोह में विदेशी अतिथियों को भी आमन्त्रित किया गया है। निम्न तालिका इसे सूचित करती है:--

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1985-जनरल रोडीनिय-इंडोनेशिया-थल सेना प्रमुख, इन्डोनेशियाई सेना
1996-क़स्सेम उटीम-साँचा:देश-आँकड़े मौरिशस-मौरिशस के राष्ट्रपति
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     23 मार्च 2015 को 7 साल की अवधि के बाद सैन्य परेड का आयोजन संघीय राजधानी इस्लामाबाद में हुआ जिसमें पाकिस्तान के राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री और पाकिस्तान के सशस्त्र बलों के प्रमुखों ने भाग लिया की- इस परेड विशेष महत्व था क्योंकि 2008, जब तालिबान के विरुद्ध पाकिस्तान में सैन्य कारवाई आरम्भ हुई, इसके बाद पहली बार परेड का आयोजन - पीएएफ के लड़ाकू विमानों ने शानदार फ्लाई पास्ट किया जिसका नेतृत्व पीएएफ के प्रमुख एयर चीफ मार्शल सोहेल अमान ने खुद की.

                (साभार आणि सौजन्य-संदर्भ-hi.विकिपीडिया.ऑर्ग/विकी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-23.03.2023-गुरुवार.
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