II श्री हनुमान जयंती II-शुभकामनाएं-14

Started by Atul Kaviraje, April 06, 2023, 02:20:48 PM

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Atul Kaviraje

                                    II श्री हनुमान जयंती II
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मित्रो,

     आज दिनांक-०६.०४.२०२३-गुरुवार है. आज "हनुमान जयंती" है. हनुमान जयन्ती एक हिन्दू पर्व है। यह चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन हनुमानजी का जन्म हुआ था यह माना जाता है। हनुमान जी को कलयुग में सबसे प्रभावशाली देवताओं में से एक माना जाता है। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाये. आईए, पढते है, हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं.

                 हनुमान जयंती की पूजा विधि :--

     हनुमान जयंती के पूर्व रात्रि को भक्त गण जमीन पर शयन करते हैं। शयन के पूर्व में भगवान श्री राम, माता सीता एवं हनुमान जी का स्मरण करते हैं। दूसरे दिन प्रातः काल उठकर व्रत का संकल्प लेते है। इस दिन बड़ी बड़ी शोभा यात्राएँ भी निकलती है। लोग प्रातः काल पूजा सामग्री के साथ भगवान हनुमान की पूजा करते हैं। व्रत और उपवास करते हैं। हनुमान मंत्र, हनुमान चालीसा, सुन्दर कांड का सस्वर पाठ करते है |

     जो व्यक्ति श्रद्वा और प्रेम से हनुमान जी की पूजा अभ्यर्थना करता है। उसके, जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। उसके जीवन में आनन्द ही आनंद छा जाता है।

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--पैरों में बांधे घुँघरू नाचे हनुमाना
कहते हैं सब लोग इनको श्री राम का दीवाना
जहाँ भी होता है कीर्तन प्रभु श्री राम का
वहीँ लगता है पहरा हमारे वीर हनुमान का.

--सहनकर सुवन केशरी नन्दन,
तेज प्रताप महा जग वन्दन,
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप.

--भीड़ पड़ी तेरे भक्तों पर बजरंगी,
सुन लो अर्ज़ अब तो दाता मेरी,
हे महावीर अब तो दर्शन दे दो,
पूरी कर दो तुम कामना मेरी.

--हे हनुमान तुम हो सबसे बेमिसाल
तुमसे आँख मिलाये किसकी है मजाल
सूरज को पल में निगला अंजनी के लाल
मूरत तेरी देखकर भाग जाये काल.

--राम का हूँ भक्त मैं, रूद्र का अवतार हूँ
अंजनी का लाल हूँ मैं, दुर्जनों का काल हूँ
साधुजन के साथ हूँ मैं, निर्बलो की आस हूँ
सद्गुणों का मान हूँ मैं, हां मैं हनुमान हूँ.

--मेरे बजरंगी अब तो कर दो मेरा पार
तुम हो दुख-हर्ता कहता ये सारा संसार
सीता मैया की लंका से खबर तुम लाये
तभी तो तुम श्री राम के मन को भाये.

--बजरंगी तेरी पूजा से हर काम होता है
दर पर तेरे आते ही दूर अज्ञान होता है
राम जी के चरणों में ध्यान होता है
इनके दर्शन से बिगड़ा हर काम होता है

--भूत-पिशाच निकट नही आवै,
महावीर जब नाम सुनावै,
नासै रोग हरै सब पीरा,
जपत निरंतर हनुमत बीरा.

--जय हनुमान ज्ञान गुन सागर,
जय कपीस तिहूँ लोक उजागर,
राम दूर अतुलित बल धामा,
अंजनिपुत्र पवन सूत नाम.
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                    (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी गाईड्स.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-06.04.2023-गुरुवार.
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