दिन-विशेष-लेख-हेलन केलर दिन-B

Started by Atul Kaviraje, June 27, 2023, 05:21:40 PM

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Atul Kaviraje

                                   "दिन-विशेष-लेख"
                                   "हेलन केलर दिन"
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज दिनांक-27.06.2023-मंगळवार आहे.  २७ जून हा दिवस "हेलन केलर दिन" म्हणूनही ओळखला जातो. वाचूया, तर या दिवसाचे महत्त्व, आजच्या या "दिन-विशेष-लेख" या शीर्षकI-अंतर्गत.

                  हेलन केलर का प्रारंभिक जीवन--

     हेलेन का जन्म 27 जून 1880 को उत्तरी अलबामा के एक छोटे से शहर टस्कम्बिया में हुआ था। उनके पिता का नाम आर्थर केलर था, जो कन्फेडरेट सेना में एक कप्तान थे। और उनके पिता जी ने कुछ वर्षों तक टस्कम्बिया के एक स्थानीय समाचार पत्र में एक संपादक के रूप में काम किया था और उनकी माँ का नाम केट एडम्स था जो आर्थर केलर की दूसरी पत्नी थीं।

     हेलेन का परिवार बहुत ज्यादा अमीर तो नहीं था; लेकिन उन्हें कपास की खेती से पैसे आते थे। हेलेन का जन्म एक साधारण लड़की के रूप में हुआ था, वह भी सामान्य बच्चों की तरह देख और सुन सकती थी। 6 महीने की उम्र से, हेलेन ने बोलना शुरू कर दिया और जब हेलेन 1 साल की हुई, तो उसने चलना भी शुरू कर दिया। हेलेन को पाकर उसका परिवार भी बहुत खुश था, आखिरकार हेलेन उनकी पहली बेटी थी।

     1882 में हेलेन के लिए सब कुछ बदल गया, उस समय हेलेन सिर्फ 19 महीने की थी, जब वह एक अज्ञात बीमारी की चपेट में आ गई। डॉक्टर ने हेलेन के पेट और मस्तिष्क में तीव्र कांजेसशन बताया। यह बीमारी आज भी एक अनसुलझी पहेली है।

     कुछ समय बाद, यह बीमारी अपने आप ठीक हो गई। इस बीमारी ने हेलेन से दो सबसे महत्वपूर्ण इन्द्रियां छीन ली। हेलेन ने देखने और सुनने की क्षमता खो दी उसका जीवन अंधकार और सन्नाटे से भर गया।

     जब हेलेन थोड़ा बड़ी हुई, तब उसकी एक नई दोस्त बनी जिसका नाम मार्था था जो परिवार के रसोइये की बेटी थी। मार्था से बात करने के लिए हेलन ने 60 से अधिक संकेतों को विकसित किया था।

     समय के गुजरने के साथ हेलेन के अंदर गुस्सा बढ़ता जा रहा था। जब हेलेन किसी को अपनी बात समझाने में आपने आप को अक्षम पाती तो वो बहुत हताश हो जाती थी। उसका व्यवहार समय के साथ अप्रत्याशित होता जा रहा था। जब हेलन खुश होती तो उसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता था लेकिन जब उसे गुस्सा आता तो वो लात भी मारती थी।

     एक बार हेलेन ने अपनी छोटी बहन मिल्ड्रेड (Mildred) को पालने से गिरा दिया था। उसे लगता था कि मिल्ड्रेड के आ जाने से उसके माता-पिता का प्यार उसके लिए कम हो गया है। एक दिन हेलेन ने अपनी माँ को एक कमरे में लॉक कर दिया।

     हेलेन के इस व्यवहार को देखते हुए उसके माता-पिता ने उसके लिए एक शिक्षक ढूंढना शुरू कर दिया। सन 1886 में, हेलेन केलर की माँ ने एक लेख पढ़ा, जो कि एक अंधी और बेहरी लेडी, लौरा ब्रिजमैन (Laura Bridgman) की सफलतापूर्वक शिक्षा के बारे में था। इस लेख को चार्ल्स डिकेन्स (Charles Dickens) ने लिखा था।

     इस लेख को पढ़कर उनकी माँ में आशा की एक किरण जागी। सुबह होते ही, हेलेन और उसके पिता बाल्टीमोर (Baltimore) के लिए रवाना हुए। ताकि वह आंख और कान के विशेषज्ञ डॉ जे. जूलियन चिसोलम (Dr. J. Julian Chisolm)  से परामर्श कर सकें।

--नील गोविंद
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                        (साभार आणि सौजन्य-संदर्भ-हिंदी ज्ञान.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-27.06.2023-मंगळवार.
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