kahi kavita.......

Started by prachidesai, October 09, 2010, 12:40:27 PM

Previous topic - Next topic

prachidesai

"डोळे पुसण्यास माझे
पाऊस धावूनी आला,
थेंब कोणता तुझा नि माझा
हेच कळेना म्हणाला."

-----------------------------------------

Break up msg:
"कसे करू माफ़ तुला
जे घाव तू मला दिले......
घेऊन माझी फूले
तू काटेच मला दिले...... "

-----------------------------------------

"तो ढग बघ कसा
बरसण्यासाठी आतुरलाय
तुझ्या चिंब गालावरुन ओघळला
म्हणुन थेंबसुद्धा आनंदलाय"

----------------------------------------

'देवा एकाच मागणी
तिची पापणी भरू दे
माझ्या नावाचा एक तरी थेंब
तिच्या नयनी तरु दे.. "

---------------------------------------------

"तू समोर असतेस
तेंव्हा बोलू देत नाहीस,
तू समोर नसतेस
तेंव्हा झोपू देत नाहीस"

---------------------------------------------

"जेव्हा तुला माझे शब्द पटतील
तुझ्याही नजरेत तेव्हा, माझ्यासाठी अश्रू दाटतील....
माझ्यासाठी रडणारे ते अश्रू, तेव्हा तुझ्यावरच हसतील
कारण तुझ्या गालांवर टिपणारे त्यांना.....ते ओठ तेव्हा माझे नसतील...!!!!"

-----------------------------------------------

"तुझ्या डोळ्यातील इवलासा अश्रू
मला समुद्राहूनही खोल वाटला
कारण मीचं होतो म्हणून
माझ्या डोळ्यात समुद्र दाटला"

---------------------------------------------------

"सखे बघ माझ्या प्रेमाचा हा पारवा..
भिरभिर भिर तुला शोधतो..
नयनात त्याच्या तुझेच प्रतिबिंब..
तुझ्या साथिचे अखंड जिवन मागतो.." ♥ ♥ ♥

-----------------------------------------------------

"सावरू कशी स्वताला
जडली तुझ्यावर प्रीत रे
आता माझ्या ओठांवर
फ़क्त तुझेच गीत रे..!!" ♥ ♥ ♥

-----------------------------------------------------

आठवते तुला ती पहीली भेट
भावनांच्या चांदण्याने भरलेली
एका चंद्राने अलगद एका
चांदनीला मिठीत धरलेली"

---------------------------------------------------------

खुप काही घेवून आलास
माझ्या आयुष्यात येताना
म्हणुनच डोळे पाणावले
तू दूर जाताना..!!

-----------------------------------------------------------

santoshi.world

i like this one ..
"कसे करू माफ़ तुला
जे घाव तू मला दिले......
घेऊन माझी फूले
तू काटेच मला दिले...... "