II गुरु पूर्णिमा II-लेख-1

Started by Atul Kaviraje, July 03, 2023, 07:45:59 PM

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Atul Kaviraje

                                   II गुरु पूर्णिमा II
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मित्रो,

     आज दिनांक-०३.०७.२०२३-सोमवार है. आज "गुरु पूर्णिमा" है. गुरु पूर्णिमा का व्रत 3 जुलाई को रखा जाएगा. हिन्दू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के ही दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था. यही वजह है कि इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी मनाया जाता है. मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको गुरु पूर्णिमा की बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईए, पढते है गुरु पूर्णिमाके महत्त्वपूर्ण लेख.

     गुरु पूर्णिमा 2023 में कब हैं, कब और क्यों मनाई जाती हैं, कथा, महत्व, निबंध, मुहूर्त, सुविचार, भजन--

     देव शयनी ग्यारस के साथ ही हिंदू धर्म में त्योहारों का ताता शुरू हो जाता है इसी दिशा में अगला त्योहार गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाने वाला है। जी हां गुरु को सम्मान देने के लिए यह एक दिन गुरु पूर्णिमा का दिन कहलाता है. यह कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है. इसकी पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिल जाएगी. साथ ही इस साल गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त कितने से कितने बजे तक का है इसकी जानकारी भी आपको हम यहाँ देने जा रहे हैं इसलिए इस लेख के साथ अंत तक बने रहिये.

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Table of Contents
गुरु पूर्णिमा 2023
गुरु पूर्णिमा का आध्यात्मिक महत्व
गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है
गुरु पूर्णिमा कब मनाई जाती है
गुरु पूर्णिमा 2023 में कब है
गुरु पूर्णिमा वर्ष 2023 तिथि एवं शुभ मुहूर्त
गुरु पूर्णिमा कैसे मनाई जाती है
वर्ष 2023 की गुरु पूर्णिमा में क्या विशेष है
गुरु एवम व्यास पूर्णिमा कथा (Guru Purnima Story)
गुरु पूर्णिमा सुविचार (Quotes, Status, Wishes)
गुरु पूर्णिमा के भजन
FAQ
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                  गुरु पूर्णिमा 2023--

     भारत देश के त्योहारों में गुरु पूर्णिमा का एक विशेष महत्व है। हिंदू धर्म सिख धर्म इन दोनों ही धर्मों में गुरु का एक अलग ही स्थान है, गुरु को सबसे ऊपर माना जाता है जोकि अंधकार को प्रकाश में बदलने की शक्ति रखता है। इस वर्ष महामारी के कारण सभी त्योहारों को घर में बैठकर परिवारजनों के साथ ही मिलकर मनाया गया उसी तरह अब गुरु पूर्णिमा को भी घर में रहकर ही मनाना सही रहेगा क्योंकि अभी भी महामारी का प्रकोप अपनी जगह है. पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी गुरु पूर्णिमा जुलाई महीने में है. इस तरह से इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ता चला जा रहा है. आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा से जुड़ी कई कहानियों एवं अन्य चीजों के बारे में।

                गुरु पूर्णिमा का आध्यात्मिक महत्व--

     गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था महर्षि वेदव्यास नहीं महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना की थी इसके साथ ही सभी अठारह पुराणों की रचना भी गुरु वेद व्यास द्वारा ही की गई इसलिए इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

                  गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है ?--

     मनुष्य और गुरु का एक अटूट संबंध है। मनुष्य जीवन में गुरू को देव स्थान प्राप्त है गुरु के सम्मान और सत्कार के लिए ही इस दिन गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। हिंदू धर्म के अनुसार भगवान वेद व्यास जी का जन्म आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हुआ था जिसे आज के समय में गुरु पूर्णिमा के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। हिंदू देश में भगवान के ऊपर गुरु का महत्व बताया गया है क्योंकि भगवान का हमारे जीवन में महत्व ही हमें गुरु के द्वारा प्राप्त हुआ है। यह माना जाता है कि अच्छे बुरे संस्कारों धर्म अधर्म आदि का ज्ञान पूरे विश्व में गुरु के द्वारा ही अपने शिष्यों को दिया जाता है। इसी उद्देश्य को पूरा करते हुए गुरु पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाता हैऔर इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ गुरु की उपासना की जाती है। हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि मनुष्य को अपने जीवन में एक गुरु बनाना चाहिए। जिसके अंतर्गत गुरु की दीक्षा ली जाती है और गुरु द्वारा कहे गए आचरण का पालन किया जाता है माना जाता है कि इससे उस मनुष्य को जीवन में मार्गदर्शन प्राप्त होता है और उसके जीवन के कष्ट काम होते हैं और उसे जीवन की एक उचित राह मिलती है इस तरह उसका जीवन खुशहाल हो जाता है।

--By Karnika
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                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-दीपावली.को.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-03.07.2023-सोमवार.
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