II गुरु पूर्णिमा II-लेख-4

Started by Atul Kaviraje, July 03, 2023, 07:50:25 PM

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Atul Kaviraje

                                    II गुरु पूर्णिमा II
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मित्रो,

     आज दिनांक-०३.०७.२०२३-सोमवार है. आज "गुरु पूर्णिमा" है. गुरु पूर्णिमा का व्रत 3 जुलाई को रखा जाएगा. हिन्दू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के ही दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था. यही वजह है कि इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी मनाया जाता है. मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको गुरु पूर्णिमा की बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईए, पढते है गुरु पूर्णिमाके महत्त्वपूर्ण लेख.

           गुरु पूर्णिमा 2023 की तारीख,इतिहास, मुहूर्त व महत्व--

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गुरु पूर्णिमा- इतिहास
गुरु पूर्णिमा
ऐसे मनाएं गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा 2023 की पूजा विधि
गुरु पूर्णिमा पर मंगल गान
गुरु पूर्णिमा पूजा ऐसे करें
गुरु पूर्णिमा पर करें विष्णु पूजा
चातुर्मास की शुरुआत
गुरु पूर्णिमा पर बृहस्पति का आशीर्वाद
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     हिंदू संस्कृति में गुरु को हमेशा अग्रणी माना गया है। लोग गुरु को भगवान के समकक्ष पूजनीय मानते है। हमारे गुरुओं के प्रति इसी श्रद्धा और आभार को व्यक्त करने के लिए गुरु पूर्णिमा (guru purnima in hindi) या व्यास पूर्णिमा मनाई जाती है। गुरु एक संस्कृत शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है वह इंसान जो हमारे अज्ञान को मिटाकर हमें ज्ञान के प्रकाश से अवगत करवाता है। हिंदू धर्म में आषाढ़ माह की पूर्णिमा का दिन वर्ष के सबसे शुभ दिनों में से एक है। इसी दिन को गुरु पूर्णिमा उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष यह उत्सव 3 जुलाई 2023, सोमवार के दिन मनाया जाएगा। मान्यता है की ऋषि वेद व्यास का जन्म गुरु पूर्णिमा के दिन हुआ था। वेद व्यास को कई पुराणों, वेदों और महाभारत जैसे कुछ सबसे महत्वपूर्ण हिंदू ग्रंथों का रचियता होने का श्रेय प्राप्त है।

            Guru Purnima Date: 3 जुलाई 2023--

गुरु पूर्णिमा की तिथि शुरू – 2 जुलाई 2023, 08:21 अपराह्न
गुरु पूर्णिमा की तिथि समाप्त – 3 जुलाई 2023, 05:08 अपराह्न

             गुरु पूर्णिमा- इतिहास ( Guru purnima ka ITihas)--

     गुरु पूर्णिमा वेद व्यास के सम्मान में मनाई जाती है, वे प्राचीन भारत के सबसे सम्मानित गुरुओं में से एक है। आधुनिक शोधों में भी यह बात सिद्ध होती है कि वेद व्यास ने हिन्दू संस्कृति के चारों वेदों की संरचना की, महाकाव्य महाभारत की रचना की, कई पुराणों के साथ-साथ हिंदू सभ्यता की पवित्र विद्याशैली के विशाल विश्वकोशों की नींव रखी। गुरु पूर्णिमा (guru purnima 2023) उस तिथि का प्रतिनिधित्व करती है, जिस दिन भगवान शिव ने आदि गुरु या मूल गुरु के रूप में सप्त ऋषियों को ज्ञान दिया था, जो सभी वेदों के दृष्टा थे। योग सूत्र में प्रणव या ओम के रूप में ईश्वर को योग का आदि गुरु कहा गया है। कहा जाता है कि भगवान बुद्ध ने इसी दिन सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था, जो इस पवित्र दिन की महत्ता को चिन्हित करता है।

--गणेशा
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                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-गणेशा स्पिक्स.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-03.07.2023-सोमवार.
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