मोहरम-शायरी-9

Started by Atul Kaviraje, July 29, 2023, 06:39:12 PM

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Atul Kaviraje

                                        "मोहरम"
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मित्रो,

     आज दिनांक-२९.०७.२०२३-शनिवार है. आज "मोहरम" है. ताज़िया : बाँस की कमाचिय़ों पर रंग-बिरंगे कागज, पन्नी आदि चिपका कर बनाया हुआ मकबरे के आकार का वह मंडप जो मुहर्रम के दिनों में मुसलमान सुनी लोग हजरत-इमाम-हुसेन की कब्र के प्रतीक रूप में बनाते है और दसवें दिन जलूस के साथ ले जाकर इसे दफन किया जाता है। मराठी कविताके मेरे सभी मुस्लिम भाई बहनोको मै यह दिन समर्पित करता हू. आईए, पढते है मुहर्रम पर शायरी.

           मुहर्रम पर शायरी | Muharram Shayari 2023--

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जालिम का नाम मिट गया तारीख़ से मगर,
वो याद रह गए जिन्हें पानी नहीं मिला...
कुमार विश्वास

दुनिया करेगी जिक्र हमेशा हुसैन का,
इस्लाम जिन्दा कर गया सजदा हुसैन का.

किस कदर रोया मैं सुन के दास्ताने कर्बला,
मैं तो हिन्दू ही रहा आँखे हुसैनी हो गयी.

साल तो पहले भी कई साल बदले,
दुआ है इस साल उम्मत का हाल बदले।
#मुहर्रम

ख़ुदा का जिस पर रहमत हो वो हुसैन होता है,
जो इन्साफ और सत्य के लड़ जाए वो हुसैन होता है.
मुहर्रम शायरी

कर्बला की शहादत इस्लाम बना गयी,
खून तो बहा था लेकिन कुर्बानी हौसलों की उड़ान दिखा गयी।
मुहर्रम शायरी

कर्बला की कहानी में कत्लेआम था
लेकिन हौसलों के आगे हर कोई गुलाम था,
खुदा के बन्दे ने दी कुर्बानी
जो आनेवाली नस्लों के लिए एक पैगाम था.
मुहर्रम शायरी

खुशियों का सफ़र तो गम से शुरू होता है,
हमारा तो नया साल मुहर्रम से शुरू होता है.
Happy Muharram
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                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-दुनिया है गोल.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-29.07.2023-शनिवार.
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