मोहरम-शायरी-12

Started by Atul Kaviraje, July 29, 2023, 06:44:05 PM

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Atul Kaviraje

                                        "मोहरम"
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मित्रो,

     आज दिनांक-२९.०७.२०२३-शनिवार है. आज "मोहरम" है. ताज़िया : बाँस की कमाचिय़ों पर रंग-बिरंगे कागज, पन्नी आदि चिपका कर बनाया हुआ मकबरे के आकार का वह मंडप जो मुहर्रम के दिनों में मुसलमान सुनी लोग हजरत-इमाम-हुसेन की कब्र के प्रतीक रूप में बनाते है और दसवें दिन जलूस के साथ ले जाकर इसे दफन किया जाता है। मराठी कविताके मेरे सभी मुस्लिम भाई बहनोको मै यह दिन समर्पित करता हू. आईए, पढते है मुहर्रम पर शायरी.

     मुहर्रम एक ऐसा इस्लामिक त्यौहार है जिसे मातम के रूप में मनाया जाता है. और लोग विभिन्न तरीकों से अपना दुःख व्यक्त करते हैं. भारत में एक बहुत बड़ा हिन्दू वर्ग भी इस त्यौहार को मनाता है. पूरे दिन लोग उपवास करते जिसमें पानी तक नहीं पीते है. मुहर्रम ताजिया हजरत इमाम हुसैन कि याद में बनाया जाता है. और बड़े-बड़े जुलूस निकाले जाते है. बहुत जगह मुस्लिम समुदाय के लोग इस दिन अपने शरीर को कष्ट देकर मातम मनाते है.

         मुहर्रम पर शायरी | Muharram Shayari 2023--

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सजदे से कर्बला को बंदगी मिल गयी,
सब्र से उम्मत को ज़िन्दगी मिल गयी,
एक चमन फातिमा का उजड़ा मगर
सारे इस्लाम को जिंदगी मिला गयी.

जिस तरह Diwali बिना Ali अधूरी है,
वैसे ही Muharram भी कहाँ बिन Ram मुकम्मल है.

ना जाने क्यों मेरी आँखों में आ गए आँसू,
सिखा रहा था मैं बच्चे को कर्बला लिखना।

पानी का तलब हो तो एक काम किया कर,
कर्बला के नाम पर एक जाम पिया कर,
दी मुझको हुसैन इब्न अली ने ये नसीहत,
जालिम हो मुकाबिल तो मेरा नाम लिया कर।

लफ़्जों में क्या लिखूं मैं शहादत हुसैन की,
कलम भी रो देता है कर्बला का मंजर सोचकर.

दुनिया ने देखी शान वो कर्बोबला में
ज़ो आख़री सज़दा किया मेरे हुसैन ने

हुसैन आप ही से बाग़ ए उल्फ़त में बहार है,
हुसैन आप ही से हर मोमिन के दिल को करार है,
हुसैन आप ही से यज़ीदियत की हार है
हुसैन आप की ही ज़माने पर सरकार है.

बनी दुनिया जिसके लिए..
रहे न वो अब यहाँ,
हुए कुर्बान इस क़दर
दे गए मिसाल ईमान की.

यूँ ही नहीं जहाँ में चर्चा हुसैन का,
कुछ देख के हुआ था जमाना हुसैन का,
सर दे के जो जहाँ की हुकूमत खरीद ली,
महँगा पड़ा यजीद को सौदा हुसैन का।
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                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-दुनिया है गोल.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-29.07.2023-शनिवार.
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