स्वतंत्रता दिवस-निबंध-6

Started by Atul Kaviraje, August 15, 2023, 02:03:05 PM

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Atul Kaviraje

                                    "स्वतंत्रता दिवस"
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मित्रो,

     आज दिनांक १५.०८.२०२३-मंगलवार है. आज भारत का "स्वतंत्रता दिवस" है. सन् 1947 में इसी दिन भारत के निवासियों ने ब्रिटिश शासन से स्‍वतंत्रता प्राप्त की थी। यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है। लाल किले पर फहराता तिरंगा; स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर फहरते झंडे अनेक इमारतों व स्थानों पर देखे जा सकते हैं। प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं। यह आज़ादी हमें 200 सालों की यातना, उत्पीड़न, युद्ध और बलिदान के बाद 15 अगस्त, 1947 को मिली. ब्रिटिश कोलोनियल शासन से कड़ी मेहनत से हासिल की गई यह आजादी लोकतंत्र का जश्न है. यह भारत के इतिहास में एक नये युग की शुरुआत का प्रतीक है। दशकों के अथक संघर्ष और बलिदान से सजी स्वतंत्रता की यात्रा कठिन थी। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको इस दिन कि बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आइये पढते है एक महत्त्वपूर्ण निबंध

            Independence Day History--

     अंग्रेजों ने भारत में लगभग 200 वर्षों तक शासन किया है। ब्रिटिश शासन के तहत, लोगों का जीवन दयनीय था। भारतीयों के साथ गुलाम जैसा व्यवहार किया जाता था और उन्हें उनसे कुछ भी कहने का कोई अधिकार नहीं था।

     भारतीय शासक ब्रिटिश अधिकारियों के हाथों की कठपुतली मात्र थे। ब्रिटिश शिविरों में भारतीय सैनिकों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता था और किसान भूख से मर रहे थे क्योंकि वे फसल नहीं उगा सकते थे और उन्हें भारी भूमि कर देना पड़ता था।

     आजादी से पहले अंग्रेजों के द्वारा भारतीय नागरिकों को पर कई अत्याचार किये गए। उन्हें अपना जीवन व्यतीत करने के लिए किसी भी प्रकार की स्वतंत्रता प्राप्त नहीं थी। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा भारत को आजादी दिलाने के लिए कई संघर्षों का सामना करना पड़ा था।

     भारत के प्रसिद्ध नेताओं एवं स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी गयी जिसमें मुख्य रूप से महात्मा गाँधी, भगत सिंह, सरदार वल्लभभाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस जवाहरलाल नेहरू,दादा भाई नौरोजी, रानी लक्ष्मी बाई, मंगल पांडे, आदि महान व्यक्तियों के द्वारा आजादी की लड़ाई लड़ी गयी थी। इन महान व्यक्तियों के द्वारा देश को आजादी दिलाने के लिए अपने प्राणों का भी बलिदान दिया गया था।

लड़े वो वीर जवानों की तरह ,
ठंडा खून फौलाद हुआ ,
मरते मरते भी मार गिराएं ,
तभी तो देश आजाद हुआ।

     1619 में सूरत के उत्तर पश्चिमी तट में अंग्रेजों के माध्यम से भारतीय उपमहाद्वीप में अपना प्रथम चौकी की स्थापना की गयी बॉम्बे ,मद्रास और कोलकाता में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के तहत तीन स्थायी व्यापारिक स्टेशन की स्थापना की गयी।

     19वीं सदी के मध्य में ब्रिटिश शासन के द्वारा इन मुख्य क्षेत्रों में अपने प्रभाव के विस्तार को प्रचलित किया गया। इसके साथ ही भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश के अधिकतर भागों में भी अग्रेजों का साशन चलता था।

     ब्रिटिश शासन के अंतर्गत स्थानीय राजाओं के साथ समझौता करके भारत के विभिन्न भागों को नियंत्रित करने का कार्य शुरू किया गया। विद्रोही भारतीय सैनिकों के द्वारा सन 1857 में उत्तरी भारत में एक विद्रोह अंग्रेजों की सरकार East India Company से क्राउन हेतु सभी राजनितिक अधिकार को ट्रांसफर करने का मार्गदर्शन किया गया।

--अंकित चीनवन
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                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी.nvshq.ऑर्ग)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-15.08.2023-मंगळवार.   
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