स्वतंत्रता दिवस-निबंध-7

Started by Atul Kaviraje, August 15, 2023, 02:04:49 PM

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Atul Kaviraje

                                  "स्वतंत्रता दिवस"
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मित्रो,

     आज दिनांक १५.०८.२०२३-मंगलवार है. आज भारत का "स्वतंत्रता दिवस" है. सन् 1947 में इसी दिन भारत के निवासियों ने ब्रिटिश शासन से स्‍वतंत्रता प्राप्त की थी। यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है। लाल किले पर फहराता तिरंगा; स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर फहरते झंडे अनेक इमारतों व स्थानों पर देखे जा सकते हैं। प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं। यह आज़ादी हमें 200 सालों की यातना, उत्पीड़न, युद्ध और बलिदान के बाद 15 अगस्त, 1947 को मिली. ब्रिटिश कोलोनियल शासन से कड़ी मेहनत से हासिल की गई यह आजादी लोकतंत्र का जश्न है. यह भारत के इतिहास में एक नये युग की शुरुआत का प्रतीक है। दशकों के अथक संघर्ष और बलिदान से सजी स्वतंत्रता की यात्रा कठिन थी। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको इस दिन कि बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आइये पढते है एक महत्त्वपूर्ण निबंध.

            स्वतंत्रता दिवस – भारत के कुछ ऐतिहासिक पल--

     भारत के कुछ ऐतिहासिक पल जैसे कि- अंग्रेजों का भारत आना, भारत देश एक गुलाम के तौर पर, राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना, साम्प्रदायिक दंगे और भारत का बँटवारा, स्वतंत्र भारत और आजादी का त्यौहार, आदि

              अंग्रेजों का भारत आना--

     अंग्रेजों का आगमन भारत में 17वीं शताब्दी में हुआ था। वे भारत में व्यापार करने के उद्देश्य से आये थे। उनका मुख्य उद्देश्य भारत में अपना व्यापार स्थापित करना था। धीरे-धीरे उन्हें भारत में अपना व्यापार स्थापित पूर्ण रूप से स्थापित कर लिया और बहुत से भारतीय राजाओं को युद्ध में पराजित करके उन्होंने उनके सभी इलाकों पर अपना शासन स्थापित किया। 18वीं सदी तक ब्रिटिशो ने अपनी ईस्ट इंडिया कम्पनी को पूर्ण रूप से जमा लिया था।

              भारत देश एक गुलाम के तौर पर--

     अब सभी भारतीयों को पूर्ण रूप से पता लग चूका था कि वे सभी गुलाम बन चुके है। ब्रिटिशों द्वारा भारतीयों को अंग्रेजी सिखाने व अन्य तौर तरीके सीखने के लिए उनसे कुछ भी करा लेते थे जो भारतीयों को समझ नहीं आता था, उन्हें लगता था वो हमें अंग्रेजी और अन्य तौर तरीके सिखाने में हमारे मदद कर रहें है। लेकिन ऐसा करते करते ब्रिटिश भारतीयों पर शासन करने लगे। ब्रिटिशों ने भारतीयों को न केवल शारीरिक बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी परेशान किया। इसी के बाद बहुत से युद्ध भी हुए।

              राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना--

     देश में जब युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई थी उसी समय 64 सदस्यों के साथ दिसम्बर वर्ष 1885 को राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना की गयी। इस पार्टी में देश के सभी लोग बढ़ चढ़कर शामिल होने लगे। राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में मुख्य भूमिका दादा भाई नौरोजी और ए ओ ह्यूम ने निभाई। बहुत सी क्रांतिकारी गतिविधियां की जाने लगी। इसके बाद भारतीय मुस्लिम लीग व अन्य कई राष्ट्रीय दलों की स्थापना की गई।

             साम्प्रदायिक दंगे और भारत का बँटवारा--

     जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड के बाद ब्रिटिशों ने साम्प्रदायिक दंगों की राजनीति तेज कर दी। उसके बाद कोहाट में वर्ष 1924 में भयानक हिन्दू-मुस्लिम दंगे हुए। अगस्त वर्ष 1947 में ब्रिटिशों ने भारत छोड़ा और उसके बाद भारत का बँटवारा हुआ। इसके बाद 14 अगस्त को बंटवारे के बाद पाकिस्तान बना और उसके बाद भयंकर साम्प्रदायिक दंगे हुए। आजाद होने के बाद भी भारत में एक अलग ही हिंसक दंगो की ज्वाला भड़की। जहाँ भारतीयों को देश के आजाद होने की ख़ुशी थी वही इन साम्प्रदायिक दंगों ने भारतीयों की ख़ुशी को कम कर दिया था और साथ ही देश का बंटवारे होने का दुःख भी था।

              स्वतंत्र भारत और आजादी का त्यौहार--

     हमे यह स्वतंत्रता इतनी आसानी से नहीं मिली है, इस आजादी को पाने के लिए हमारे देश के कई महान क्रांतिकारियों ने बलिदान दिए है, किसी ने फांसी खाई है तो किसी ने मरते दम तक अपनी जान आजादी प्राप्त करने के लिए न्यौछावर की है।

     अंग्रेजों के भारत छोड़कर जाने के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत देश पूर्ण रूप से आजाद हुआ। और इसी लिए हर साल 15 अगस्त को भारत देश के स्वतंत्र होने की ख़ुशी में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह भारतियों का राष्ट्रीय पर्व भी कहलाता है।

     देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू बने और उनके द्वारा ही देश के आजाद होने की ख़ुशी में दिल्ली के लाल किले पर आजादी के बाद पहली बार झंडा फहराया गया। और देश को सम्बोधित भी किया गया। इसी प्रकार हर साल दिल्ली के लाल किले पर हर साल देश के प्रधानमंत्री द्वारा झंडा फहराया जाता है और राष्ट्रगान गया जाता है और देश के प्रधानमंत्री द्वारा देश को सम्बोधित भी किया जाता है।

               निष्कर्ष--

     15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) को हम उन सभी वीर क्रांतिकारियों को याद करते है जो देश की आजादी पाने के लिए लड़ते लड़ते शहीद हुए, जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए ब्रिटिशों के अत्याचार सहे। इस दिन हमे उन सभी वीरों को याद करते है और उनके बलिदान को ध्यान में रखते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देते है। सभी भारतीयों को मिल-जल कर प्रेमभाव से रहना चाहिए।

--अंकित चीनवन
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                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी.nvshq.ऑर्ग)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-15.08.2023-मंगळवार.   
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