स्वतंत्रता दिवस-कविता-20

Started by Atul Kaviraje, August 15, 2023, 02:53:58 PM

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Atul Kaviraje

                                    "स्वतंत्रता दिवस"
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मित्रो,

     आज दिनांक १५.०८.२०२३-मंगलवार है. आज भारत का "स्वतंत्रता दिवस" है. सन् 1947 में इसी दिन भारत के निवासियों ने ब्रिटिश शासन से स्‍वतंत्रता प्राप्त की थी। यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है। लाल किले पर फहराता तिरंगा; स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर फहरते झंडे अनेक इमारतों व स्थानों पर देखे जा सकते हैं। प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं। यह आज़ादी हमें 200 सालों की यातना, उत्पीड़न, युद्ध और बलिदान के बाद 15 अगस्त, 1947 को मिली. ब्रिटिश कोलोनियल शासन से कड़ी मेहनत से हासिल की गई यह आजादी लोकतंत्र का जश्न है. यह भारत के इतिहास में एक नये युग की शुरुआत का प्रतीक है। दशकों के अथक संघर्ष और बलिदान से सजी स्वतंत्रता की यात्रा कठिन थी। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको इस दिन कि बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आइये पढते है कुछ कविताये, रचनाये.

              आजादी के 75 वर्ष पर कविता--

अब तिरंगा फहरा रहा बड़ी शान से
देश को मिली आजादी सैनिको के बलिदान से

मुगलों और अंग्रेजो से लम्बी लड़ाई लड़ी
जिसमे लाखो देशभक्तों को जान गंवानी पड़ी
देश में व्यापारी बनकर आए थे,
छल-छल हम पर राज किया,
अपनों को आपस में लड़ा दिया
देश को अपना बना लिया.

देश को अपना बना लिया
अंग्रेजी का नशा चढ़ा दिया
मातृभाषा हिंदी को गढ़ा दिया.

हमने आजादी का गौरव पाया स्वाभिमान से
हमने आजादी पाई क्रांतिकारियों के बलिदान से
हमने आजादी पाई भगत, आजाद और तिलक से वीरो से
कभी सोने की चिडिया कहलाता था,
अंग्रेजो ने लुटा पर इसने अपना धैर्य नहीं छुटा
हिमालय देश का रक्षक बनकर खड़ा है, इसके द्वार
कोई नहीं जा पाता इससे पार
चारो दिशाओ में हो रहा इसका प्यार और दुलार

देश देता है, एक सन्देश पुरे संसार को
पहले हिंसा न करेंगे, गाँधी की तरह
और फिर हिंसा से नहीं झुकेंगे, भगत की तरह
वास्तव में हमारा परिवार ही संसार है,
पर कुछ देश क्षमा को लाचार कहते है..

कभी शांति की उजियारा चलता था, हिंदुस्तान से
पर आज साम्प्रदायिकता ने इसे बदल दिया घमासान में
देश अपना हमें बचाना है, तो गद्दारों को तोड़ दो
कुछ देशो की गद्दारी सहन से बेहतर साथ ही छोड़ दो..

अब तिरंगा फहरा रहा बड़ी शान से
देश को मिली आजादी सैनिको के बलिदान से

--Dr Siyol
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                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-एस्से ऑन हिंदी.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-15.08.2023-मंगळवार.   
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