स्वतंत्रता दिवस-कविता-33

Started by Atul Kaviraje, August 15, 2023, 03:09:08 PM

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Atul Kaviraje


                                  "स्वतंत्रता दिवस"
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मित्रो,

     आज दिनांक १५.०८.२०२३-मंगलवार है. आज भारत का "स्वतंत्रता दिवस" है. सन् 1947 में इसी दिन भारत के निवासियों ने ब्रिटिश शासन से स्‍वतंत्रता प्राप्त की थी। यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है। लाल किले पर फहराता तिरंगा; स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर फहरते झंडे अनेक इमारतों व स्थानों पर देखे जा सकते हैं। प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं। यह आज़ादी हमें 200 सालों की यातना, उत्पीड़न, युद्ध और बलिदान के बाद 15 अगस्त, 1947 को मिली. ब्रिटिश कोलोनियल शासन से कड़ी मेहनत से हासिल की गई यह आजादी लोकतंत्र का जश्न है. यह भारत के इतिहास में एक नये युग की शुरुआत का प्रतीक है। दशकों के अथक संघर्ष और बलिदान से सजी स्वतंत्रता की यात्रा कठिन थी। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको इस दिन कि बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आइये पढते है कुछ कविताये, रचनाये.

उठा के तिरंगे को
कसम ये रोज खाते है
झुका के शीश अपना जो
वतन पे जान लुटाते है

रहे आजाद ये गणतंत्र
तिरंगा यूँ ही लहराएं
न भूलों उन शहीदों को
जिन्होंने प्राण गंवाए

बदल कर भी नहीं बदला
बहुत कुछ देश मे अपने
बना गणतंत्र ये अपना
कहाँ पुरे हुए सपने

लगी जो दीमकें जड़ में
करें है खोखला इसको
पिसा घुन की तरह कोई
पता चला यहाँ किसको

यहाँ वादे है दिलासे है
इरादों का पता किसको
छिपी पदों में बातें है
चली है वो पता किसको

वो फहराता तिरंगा भी
मौन हो सोचता हरदम
हिले बुनियादी ढाँचे में
घुटे गणतंत्र का अब दम

छली जाती है मानवता
सिसकती सहमी सी बैठी
धर्म जाति के फंदे में
आग आरक्षण की पैठी

असमता की लकीरों में
बना है न्याय भी अँधा
पनपता है रसूखों से
अपराध का फंदा

मना स्वतंत्रता का ये पर्व
निभा कर्तव्य पाएगे
जो बीता आज का ये दिन
हम सब भूल जाएगे

--सारांश भदौरिया
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                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-एस्से ऑन हिंदी.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-15.08.2023-मंगळवार.   
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