स्वतंत्रता दिवस-भाषण-B

Started by Atul Kaviraje, August 15, 2023, 05:46:37 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                   "स्वतंत्रता दिवस"
                                  ----------------

मित्रो,

     आज दिनांक १५.०८.२०२३-मंगलवार है. आज भारत का "स्वतंत्रता दिवस" है. सन् 1947 में इसी दिन भारत के निवासियों ने ब्रिटिश शासन से स्‍वतंत्रता प्राप्त की थी। यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है। लाल किले पर फहराता तिरंगा; स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर फहरते झंडे अनेक इमारतों व स्थानों पर देखे जा सकते हैं। प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं। यह आज़ादी हमें 200 सालों की यातना, उत्पीड़न, युद्ध और बलिदान के बाद 15 अगस्त, 1947 को मिली. ब्रिटिश कोलोनियल शासन से कड़ी मेहनत से हासिल की गई यह आजादी लोकतंत्र का जश्न है. यह भारत के इतिहास में एक नये युग की शुरुआत का प्रतीक है। दशकों के अथक संघर्ष और बलिदान से सजी स्वतंत्रता की यात्रा कठिन थी। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको इस दिन कि बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आइये पढते है स्वतंत्रता दिवस पर भाषण.

      स्वतंत्रता दिवस पर भाषण (Speech On Independence Day)-15 अगस्त पर भाषण (Speech On 15 August)--

                अपने विचारों की प्रस्तुति--

     15 अगस्त हो या 26 जनवरी, अब तो ऐसा लगता है जैसे मानो हमारी देशभक्ति केवल इन्हीं दो दिनों के लिए जागती है और फिर कहीं पर चैन की नींद सो जाती है। मेरी बात या मेरे विचारों से शायद आप लोग असहमत हों लेकिन हमें इन सभी सवालों के जवाब कहीं न कहीं से ढूँढने होंगे ताकि देशभक्ति की जो भावना है वह हमारे मन के भीतर एक सच्चे देशभक्त और एक सच्चे सैनिक की तरह हमेशा जागृत रहे।

     स्वतंत्रता का अर्थ शायद हम सभी के लिए अलग-अलग हो लेकिन किसी स्वतंत्रता सैनानी या किसी सैनिक के लिए स्वतंत्रता का अर्थ एक ही होगा। स्वतंत्रता का वास्तविक अर्थ स्वतंत्रता सैनानी और सैनिक से अच्छा न तो कोई नहीं समझ सकता है और न ही कोई समझा सकता है। हमारे देश के स्वतंत्रता सैनानियों ने कड़ी तपस्या के बाद देश को आज़ाद करवाया, हमारे देश के वीर सैनिकों ने अपना लहु बहाकर देश की स्वतंत्रता की रक्षा की और हम स्वतंत्रता के नाम पर मनमानी करते हुए नज़र आ रहे हैं।

     हम में से ज़्यादातर लोग ऐसे हैं जिनका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ है और परतंत्रता को केवल इतिहास के पन्नों में ही पढ़ा है। जब हमने परतंत्रता को सहा ही नहीं है, तो फिर हम स्वतंत्रता के सही अर्थ को कैसे समझेंगे। स्वतंत्रता का सही अर्थ और उसका महत्त्व केवल वो व्यक्ति ही समझ सकता है, जिसने परतंत्रता के मंजर को अपनी आँखों से साक्षात देखा हो। स्वतंत्रता के बाद जन्म लेने वाले लोगों को तो इस बात पर गर्व महसूस करना चाहिए कि वो कितने भाग्यशाली हैं कि उनका जन्म एक ऐसी धरती पर हुआ है जिसकी मिट्टी में न जानें कितनों वीरों का लहू मिला हुआ है। इसीलिए हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को किसी एक दिन नहीं बल्कि हमेशा याद करना चाहिए। पूरी तरह से आज़ादी हमें तब मिली जब हमें हमारा संविधान मिला। वो संविधान जिसकी वजह से आज हम हर तरह से स्वतंत्र हैं।

     सन् 1857 से सन् 1947 तक हमारे देश के महान नेताओं, स्वतंत्रता सेनानियों और वीर जवानों ने न जानें कितने विद्रोह और बलिदानों बहुत करीब से देखा है। हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों महात्मा गांधी, भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद से लेकर उन लाखों लोगों के बलिदानों को कभी नहीं भूलना चाहिए, जिनके हमें नाम तक भी नहीं पता हैं लेकिन उन्होंने भारत को अंग्रेज़ों के औपनिवेशिक शासन से मुक्त कराने के लिए कड़ा संघर्ष किया और देश का पूरा साथ दिया। स्वतंत्रता दिवस उनके इसी बलिदान और जीत का उत्सव है। स्वतंत्रता दिवस उत्सव है उनके सम्मान का जिन्होंने खुद को मिटाकर इस देश को बनाया है।

                समापन--

शायर फ़िराक़ गोरखपुरी की दो पंक्तियों के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देना चाहूंगा, कि

लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है,
उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी

     मुझे इतनी तसल्ली से सुनने के लिए आप सभी का बेहद शुक्रिया और बहुत-बहुत धन्यवाद। आप सभी को आज़ादी के पर्व की बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई।

                         जय हिंद जय भारत !

--PP Team
------------

                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-परीक्षापॉईंट.कॉम)
                      ---------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-15.08.2023-मंगळवार.   
=========================================