नाग पंचमी-कविता-1

Started by Atul Kaviraje, August 21, 2023, 05:19:16 PM

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Atul Kaviraje

                                     "नाग पंचमी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-२१.०८.२०२३-सोमवार है. आज "नाग पंचमी" है. नागपंचमी सावन महीने की पंचमी को नाग पंचमी की तरह मनाया जाता है। इसे शुक्ल पक्ष की पंचमी भी कहा जाता है। इस दिन नागों का दर्शन करना अच्छा और फलदायक माना जाता है। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको नागपंचमी त्योहार की मेरी अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईये, पढते है नागपंचमी पर हिन्दी कविता.

            नागपंचमी पर हिन्दी कविता--

नाग पंचमी के अवसर पर, नागों का पूजन कर आएँ
आस्तीन में नाग छिपे जो, उनसे तो भगवान बचाएँ।

मानवता का ओढ़ लबादा, सेवा का जो ढोंग कर रहे
जिसको चाहें डस लेते वे, पीड़ित कितना कष्ट अब सहे

इच्छाधारी बने आज जो, वे तो हैं सब से टकराएँ
आस्तीन में नाग छिपे जो, उनसे तो भगवान बचाएँ।

सरकारी ठेका है जिनपर, जिसको चाहें करें पुरस्कृत
पात्र आज आँसू पीता है, उसको तो कर दिया तिरस्कृत

अब साहित्य- कला में भी तो, हाय माफिया रंग दिखाएँ
आस्तीन में नाग छिपे जो, उनसे तो भगवान बचाएँ।

लोग पिलाते दूध नाग को, और बिनौला उसमें डालें
लेकिन पीते नहीं इसे वे, ऐसी बात न मन में पालें

जहर उगलते खूब आजकल, कैसे उनको गले लगाएँ
आस्तीन में नाग छिपे जो, उनसे तो भगवान बचाएँ।

नाग देवता पूजनीय हैं, लेकिन अब कुछ बात और है
लोटें वे जिसकी छाती पर, किसने उस पर किया गौर है

तिकड़म का है दौर चल रहा, तंत्र- मंत्र को सफल बनाएँ
आस्तीन में नाग छिपे जो, उनसे तो भगवान बचाएँ।

तरह-तरह के नाग आजकल, यहाँ देखने को मिलते हैं
अपना उल्लू सीधा करके,फिर डसने को वे हिलते हैं

मन के हैं वे इतने काले, काम अनैतिक खूब कराएँ
आस्तीन में नाग छिपे जो, उनसे तो भगवान बचाएँ।

–उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट
'कुमुद- निवास'
बरेली (उ० प्र०)
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                         (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-कविता बहार.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-21.08.2023-सोमवार. 
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