नाग पंचमी-दोहे

Started by Atul Kaviraje, August 21, 2023, 05:22:08 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                       "नाग पंचमी"
                                      -------------

मित्रो,

     आज दिनांक-२१.०८.२०२३-सोमवार है. आज "नाग पंचमी" है. नागपंचमी सावन महीने की पंचमी को नाग पंचमी की तरह मनाया जाता है। इसे शुक्ल पक्ष की पंचमी भी कहा जाता है। इस दिन नागों का दर्शन करना अच्छा और फलदायक माना जाता है। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको नागपंचमी त्योहार की मेरी अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईये, पढते है नागपंचमी पर दोहे.

               नागपंचमी पर दोहे--

नाग साँप सहमे सभी, देख आदमी खोट।
जहर उगलते हैं सदा, मुस्कानों की ओट।

जंगल बामी सब मिटे, और रसायन खेत।
साँप नाग सब मर रहे, रे मानुष तू चेत।

आस्तीनों के नाग हैं, हरपल रहते संग।
पता नहीं कब काटलें, सदा बदलते रंग।

सावन पावन चल रहा, नागपंचमी आज।
सबका मंगल हो सदा, पूरण हों सब काज।

--डॉ. सुशील शर्मा
-----------------

                         (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-अमर उजाला.कॉम)
                        -----------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-21.08.2023-सोमवार. 
=========================================