II श्री गणेशाय नमः II-संकष्टी चतुर्थी-श्रीगणेश आरती-गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥

Started by Atul Kaviraje, September 03, 2023, 11:36:26 AM

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Atul Kaviraje

                                 II श्री गणेशाय नमः II
                                     "संकष्टी चतुर्थी"
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज  दिनांक-03.09.2023-रविवार, संकष्टी चतुर्थीचा पावन दिन आहे . श्री गणेश चरणी वंदन करून, ऐकुया श्रीगणेश आरती - "गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥"

                महत्वपूर्ण जानकारी--

     जय गणेश देवता गणेश के लिए एक हिंदू धार्मिक गीत है। पारंपरिक रूप से महादेव शिव के पुत्र भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले सभी देवताओं में की जाती है। भगवान गणेश ज्ञान को श्रेष्ठ करते हैं और शुभ कार्यों को करते हुए आने वाली सभी बाधाओं को दूर करते हैं। इसलिए सभी पूजाओं और शुभ कार्यों को शुरू करते हुए भगवान गणेश की पूजा की जाती है। हिंदू पूजा के एक रूप आरती के समय पूरी मण्डली द्वारा प्रार्थना की जाती है।

                           "गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥"
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गणपति की सेवा मंगल मेवा,सेवा से सब विघ्न टरैं।
तीन लोक के सकल देवता,द्वार खड़े नित अर्ज करैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥

रिद्धि-सिद्धि दक्षिण वाम विराजें,अरु आनन्द सों चमर करैं।
धूप-दीप अरू लिए आरतीभक्त खड़े जयकार करैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥

गुड़ के मोदक भोग लगत हैंमूषक वाहन चढ्या सरैं।
सौम्य रूप को देख गणपति केविघ्न भाग जा दूर परैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥

भादो मास अरु शुक्ल चतुर्थीदिन दोपारा दूर परैं।
लियो जन्म गणपति प्रभु जीदुर्गा मन आनन्द भरैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥

अद्भुत बाजा बजा इन्द्र कादेव बंधु सब गान करैं।
श्री शंकर के आनन्द उपज्यानाम सुन्यो सब विघ्न टरैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥

आनि विधाता बैठे आसन,इन्द्र अप्सरा नृत्य करैं।
देख वेद ब्रह्मा जी जाकोविघ्न विनाशक नाम धरैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥

एकदन्त गजवदन विनायकत्रिनयन रूप अनूप धरैं।
पगथंभा सा उदर पुष्ट हैदेव चन्द्रमा हास्य करैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥

दे शराप श्री चन्द्रदेव कोकलाहीन तत्काल करैं।
चौदह लोक में फिरें गणपतितीन लोक में राज्य करैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥

उठि प्रभात जप करैंध्यान कोई ताके कारज सर्व सरैं
पूजा काल आरती गावैं।ताके शिर यश छत्र फिरैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥

गणपति की पूजा पहले करने सेकाम सभी निर्विघ्न सरैं।
सभी भक्त गणपति जी केहाथ जोड़कर स्तुति करैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा...॥

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-03.09.2023-रविवार. 
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