श्रीकृष्ण जन्माष्टमी-निबंध-3

Started by Atul Kaviraje, September 06, 2023, 07:40:30 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                     "श्रीकृष्ण जन्माष्टमी"
                                    ------------------

मित्रो,

     आज दिनांक-०६.०९.२०२३-बुधवार है. आज "श्रीकृष्ण जन्माष्टमी" है. हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। जानें इस साल सितंबर में कब है जन्माष्टमी- भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ होगी और 07 सितंबर 2023 को शाम 04 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको श्रीकृष्ण जन्माष्टमीकी बहोत सारी दिली शुभकामनाये. आईये, पढते है कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध.

                    कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध--

              परिचय--

     श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव भाद्रपद माह के – कृष्ण पक्ष की अष्टमी को बेहद ही उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन मध्य रात्रि में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. श्री कृष्ण जन्म अपने मामा कंस के यहाँ उन्ही के कारागृह में हुआ था. कंस बहुत ही दुष्ट और अत्याचारी राजा था. जिसके वध के लिए भगवान श्री कृष्ण का धरती पर अवतरण हुआ था. श्री कृष्ण को भगवान श्री हरी विष्णु का 8वां रूप भी कहा जाता है.

              जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है –

     हिंदू धर्म की पौराणिक किवदंतियों में ऐसा कहा जाता है कंस को स्वपन में भविष्य वाणी हुई, की उनकी ही बहन देवकी की आठवीं संतान उसके वध का कारण बनेगी, फिर उसने इस बात को ध्यान में रखते हुए अपनी ही बहन देवकी को उनके पति सहित बंदी – गृह में डाल दिया और जब भी देवकी की कोई भी संतान जन्म लेती तो कंस उसका वध कर देता था.

     इस प्रकार निर्दयी कंस ने देवकी – वासुदेव की सात सन्तानो का वध कर दिया. मगर श्री कृष्ण के जन्म होते ही वासुदेव ने श्री कृष्ण को माता यशोदा और नन्द बाबा के यहाँ पहुंचा दिया. श्री कृष्ण की महिमा के कारण कंस श्री कृष्ण तक पहुंचने में असमर्थ रहा और यही उसके वध का कारण बना.

     अंत में अच्छाई ने बुराई पर विजय प्राप्त की और श्री कृष्ण ने कंस के अत्याचार से पूरी प्रजा को मुक्ति दिलाई, जिस कारण की वजह से उसी दिन जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है.

             जन्माष्टमी कहाँ मनाई जाती है –

     वैसे तो जन्माष्टमी पूरे भारत में मनाई जाती है. लेकिन जन्माष्टमी को मानाने का हर जगह का अपना ही एक तरीका होता है. बहुत जगह दही-हांड़ी की प्रतियोगिता रखी जाती है और बहुत जगह बच्चो को बाल गोपाल के रूप में सजाया जाता है. सभी जगह के मंदिर और तीर्थस्थल को बहुत ही खूबसूरती के साथ सजाया जाता है. महाराष्ट्र में विट्ठल, राजस्थान में ठाकुर जी, उड़ीसा में जगन्नाथ जी अन्य जगह भी श्री कृष्ण को अलग अलग रूप में पूजा जाता हैं.

              जन्माष्टमी के दिन भोग –

     श्री कृष्ण को बाल अवस्था से ही मक्खन, दूध बहुत प्रिय रहा था, तो इसलिए सर्व प्रथम इस दिन माखन – मिश्री से बालगोपाल का भोग लगाया जाता है. धनिये की बर्फी, मावे की बर्फी, फल आहार, चरणामृत, तुलसीदल को भी माखन मिश्री के साथ भोग में शामिल किया जाता है.

                          (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-न्युज मग.इन)
                         ------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-06.09.2023-बुधवार. 
=========================================