श्रीकृष्ण जन्माष्टमी-निबंध-12

Started by Atul Kaviraje, September 06, 2023, 07:54:57 PM

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Atul Kaviraje


                                    "श्रीकृष्ण जन्माष्टमी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-०६.०९.२०२३-बुधवार है. आज "श्रीकृष्ण जन्माष्टमी" है. हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। जानें इस साल सितंबर में कब है जन्माष्टमी- भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ होगी और 07 सितंबर 2023 को शाम 04 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको श्रीकृष्ण जन्माष्टमीकी बहोत सारी दिली शुभकामनाये. आईये, पढते है श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर निबंध.

               कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध || Essay On Janmashtami 2023--

          जन्माष्टमी वाले दिन क्या हुआ था--

     भगवान श्री कृष्ण के जन्म के उपलक्ष में आयोजित श्री कृष्ण जन्माष्टमी के त्यौहार को हमारे देश में बड़ी श्रद्धा व धूमधाम से मनाया जाता है। जन्माष्टमी पर मंदिरों को बहुत खूबसूरती से सजाया जाता है और वहां झांकियां सजाई जाती हैं और बड़ी रौनक होती है। इस त्यौहार के दिन लोग व्रत रखते हैं यह व्रत रात्रि 12:00 बजे तक रहता है।

     जन्माष्टमी के दिन रात के 12:00 बजे श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. इस दिन डंठल और हल्की सी पत्तियों वाले खीरे को कान्हा की पूजा में उपयोग करें. रात के 12 बजते ही खीरे के डंठल को किसी सिक्के से काटकर कान्हा का जन्म कराएं. इसके बाद शंक बजाकर बाल गोपाल के आने की खुशियां मनाएं और फिर विधिवत बांके बिहारी की पूजा करें.

     जन्माष्टमी वाले दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म माखन मट्टी के घर में हुआ था, जोकि गोकुल नामक गांव में था। उनकी माता यशोदा जी के यहाँ उन्होंने आवतार ग्रहण किया था। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म बृहस्पतिवार (गुरुवार) को हुआ था और यही तिथि हम जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इस दिन भक्तों के द्वारा उनके मंदिरों में पूजा-आराधना की जाती है, भजन-कीर्तन किया जाता है और उनकी बालक लीलाओं का स्मरण किया जाता है।

             जन्माष्टमी के दिन किसका जन्म हुआ था?--

     जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।

            जन्माष्टमी पर किसकी पूजा की जाती है?--

     जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। भगवान श्रीकृष्ण के आवतार की खुशी में इस दिन उनकी पूजा, आराधना, भजन-कीर्तन और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भक्तों के द्वारा मंदिरों में उनकी विशेष पूजा की जाती है। और उनके अवतार और लीलाओं का स्मरण किया जाता है।

             जन्माष्टमी करने से क्या फल मिलता है?--

     मान्यता है कि जन्माष्टमी का व्रत बेहद ही फलदायी होता है। और इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को 100 पापों से मुक्ति मिलती है. कहते हैं कि जो व्यक्ति कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है उसके सभी कष्ट दूर होते हैं और भगवान कृष्ण का आशीर्वाद मिलता है.

     जन्माष्टमी का त्योहार मनाने से आपको निम्नलिखित फल मिल सकते हैं:--

1.आध्यात्मिक विकास: जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में आराधना करके आपका आध्यात्मिक विकास होता है। इसके माध्यम से आप उनके संदेशों का अध्ययन करके अपने मानवता के साथ के रिश्तों को मजबूती देते हैं।

2.शुभकामनाएं और आशीर्वाद: भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से आप उनके आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और आपकी जीवन में खुशियों और सफलता की बढ़ोतरी हो सकती है।

3.धार्मिक अनुष्ठान: जन्माष्टमी का त्योहार धार्मिक अनुष्ठान की भावना को बढ़ावा देता है। इसके माध्यम से आप अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करके आध्यात्मिक मार्ग पर चल सकते हैं।

4.समर्पण और भक्ति: जन्माष्टमी के दिन भगवान की भक्ति और समर्पण का महत्वपूर्ण संदेश होता है। यह संदेश आपको अपने कर्मों में निष्ठा और आत्मा के साथ समर्पण की भावना दिलाता है।

5.सांस्कृतिक महत्व: जन्माष्टमी का त्योहार हिन्दू सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपराओं का हिस्सा है। इसके माध्यम से आप अपनी सांस्कृतिक रूचि को बढ़ावा देते हैं और अपनी संस्कृति को महत्वपूर्ण मानते हैं।

     यदि आप जन्माष्टमी को श्रद्धापूर्वक मनाते हैं तो यह आपके आध्यात्मिक और मानवता के विकास में मदद कर सकता है।

--Shiva
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                         (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-अपबोर्ड.लाईव्ह)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-06.09.2023-बुधवार. 
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