श्रीकृष्ण जन्माष्टमी-निबंध-15

Started by Atul Kaviraje, September 06, 2023, 07:59:09 PM

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Atul Kaviraje

                                    "श्रीकृष्ण जन्माष्टमी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-०६.०९.२०२३-बुधवार है. आज "श्रीकृष्ण जन्माष्टमी" है. हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। जानें इस साल सितंबर में कब है जन्माष्टमी- भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ होगी और 07 सितंबर 2023 को शाम 04 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको श्रीकृष्ण जन्माष्टमीकी बहोत सारी दिली शुभकामनाये. आईये, पढते है श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर निबंध.

              कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध || Essay On Janmashtami 2023--

           जन्माष्टमी पर क्या नहीं करना चाहिए?--

     जन्माष्टमी के दिन कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए दूध से बनी चीजें सख्त वर्जित हैं ताकि आप इस पवित्र त्योहार को सम्मानपूर्वक मना सकें। निम्नलिखित कुछ बातों को न करना चाहिए:

1.नौनिहाल (खट्टी) चीजें न खाना: भगवान के प्रिय भोजन में से एक होती है नौनिहाल चीजें जैसे कि माखन, छाछ, दही आदि। इसलिए जन्माष्टमी के दिन इन्हें नहीं खाना चाहिए।

2.अन्यायपूर्वक खेलना या जगड़ना: जन्माष्टमी एक आध्यात्मिक और धार्मिक त्योहार है, इसलिए इस दिन अन्यायपूर्वक किसी से जगड़ना या आपसी विवादों में पड़ना नहीं चाहिए।

3.अनैतिक कार्य: इस दिन अनैतिक और अनाचारिक कार्यों से बचना चाहिए, जैसे कि शराब पीना, विशेष रूप से मांसाहारी आहार खाना, आदि।

4.आलस्य या आविष्कार में रहना: जन्माष्टमी का महत्वपूर्ण हिस्सा उत्सव की तैयारियों में भी होता है, इसलिए आलस्य में रहकर या कुछ आविष्कार में रहकर इस महत्वपूर्ण दिन का महत्व कम नहीं करना चाहिए।

5.दुष्कर्मों का पालन: जन्माष्टमी के दिन धार्मिक और सत्कर्मों का पालन करना चाहिए और दुष्कर्मों से बचने की कोशिश करनी चाहिए।

     यदि आप जन्माष्टमी को सावधानीपूर्वक मनाएंगे और इन बातों का पालन करेंगे, तो आप इस पवित्र त्योहार को सम्मानपूर्वक मना सकेंगे।

              भगवान कृष्ण के लिए प्रार्थना कैसे करें?--

     भगवान कृष्ण के लिए प्रार्थना करने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का पालन कर सकते हैं:--

1.भगवान कृष्ण की आराधना: आप पूजा के समय उनकी मूर्ति, चित्र या मंदिर की ओर दिल से मन के साथ दृष्टि स्थापित करके उनकी आराधना कर सकते हैं।

2.भजन-कीर्तन: भगवान कृष्ण के भजन और कीर्तन गाकर उनकी महिमा का गुणगान करें।

3.मन्त्र जप: "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" या "हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे" जैसे मन्त्रों का जप करने से आप भगवान कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण दिखा सकते हैं।

4.आरती: भगवान कृष्ण की आरती गाकर उनकी प्रासादी आत्मा को विशेष रूप से पवित्र और शुद्ध बना सकते हैं।

5.समर्पण और आदर: अपनी प्रार्थना के समय भगवान कृष्ण के सामने अपनी आदर और समर्पण भावना को प्रकट करें, और उनके प्रति अपनी श्रद्धा को व्यक्त करें।

6.अपनी इच्छाओं का अर्पण: आप अपनी प्रार्थना में भगवान कृष्ण से अपनी आत्मिक और आध्यात्मिक इच्छाओं का अर्पण कर सकते हैं।

7.सेवा और दान: जन्माष्टमी के दिन भगवान के नाम पर सेवा और दान करके उनके प्रति आदर और प्रेम प्रकट करें।

     यदि आप इन तरीकों का पालन करके प्रार्थना करेंगे, तो आप भगवान कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण को व्यक्त कर सकेंगे।

--Shiva
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                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-अपबोर्ड.लाईव्ह)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-06.09.2023-बुधवार. 
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