दही हांडी-दही हंडी पर गाने-7

Started by Atul Kaviraje, September 07, 2023, 08:18:42 PM

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Atul Kaviraje

                                        "दही हांडी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-०७.०९.२०२३-गुरुवार है. आज "दही हांडी" है. भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का यह पर्व 6 सितंबर 2023 को है। कृष्ण जन्माष्टमी के एक दिन बाद यानी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को दही हांडी उत्सव का आयोजन किया जाता है। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको दही हांडी त्योहार कि बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आइये, पढते है दही हंडी पर गाने.

        गो गो गोविंदा Go Go Govinda Hindi Lyrics  – OMG Oh My God--

गो गो गो गोविंदा
गो गो गो गोविंदा
गो गो गो गोविंदा
गो गो गो गोविंदा

अट्के मटके झट्के मारे हैं
तू आज शोला तो हम भी फ़ुआरे हैं
तू आसमान पे हैं तो चाँद तारे है हम..

अट्के मटके झट्के मारे हैं
तू आज शोला तो हम भी फ़ुआरे हैं
तू आसमान पे हैं तो चाँद तारे है हम..

चाहे दम निकले ये दम
है कसम, तेरी कसम
तुझे आज छोड़ेंगे ना हम

गो गो गो गोविंदा
गो गो गो गोविंदा

हो..ओ.. ओ..
अट्के मटके झट्के मारे हैं
तू आज शोला तो हम भी फ़ुआरे हैं
तू आसमान पे हैं तो चाँद तारे है हम..

है, अट्के मटके झट्के मारे हैं
तू आज शोला तो हम भी फ़ुआरे हैं
तू आसमान पे हैं तो चाँद तारे है हम..

चाहे दम निकले ये दम हा
है कसम तेरी कसम हा
तुझे आज छोड़ेंगे न हम हा आ

गो गो गो गोविंदा
गो गो गो गोविंदा

ग्यारा बारा तेरा बढ रहा पारा
बॉडी का हमारा यारा
ग्यारा बारा तेरा..
ओये ओये..

ग्यारा बारा तेरा बढ रहा पारा
बॉडी का हमारा यारा
देखोना हमारे नैनो से करारे
निकला हाए शरारा

तेरी ये नज़ारे लगे हमे कितना सतरंगी
तेरा बड़ा चर्चा तेरा किस्सा अतरंगी

चाहे दम निकले ये दम हा
है कसम तेरी कसम हा
तुझे आज छोड़ेंगे ना हम.. हा आ

गो गो गो गोविंदा
गो गो गो गोविंदा

क्या ये दिल्लगी है क्या ये आशिकी है
मूड में दीवानगी है क्या ये दिल्लगी है...
बोलो बोलो बोलो...

क्या ये दिल्लगी है क्या ये आशिकी है
मूड में दीवानगी है
क्या ये दिल्लगी है..
ऐ बोलो बोलो
क्या ये दिल्लगी है क्या ये आशिकी है
मूड में दीवानगी है
आज हवाओ में आज फिज़ाओ में
कैसी ये तिश्नगी है

आज मस्ती में तेरी गुम होंगे हम तो
आज धुनकी में तेरी तुन होंगे हम तो

चाहे दम निकले यह दम हा
है कसम तेरी कसम हा
तुझे आज छोड़ेंगे ना हम.. हा आं..
गो गो गो गोविंदा
गो गो गो गोविंदा

ये मटकी तोड रे
(गो गो गो गोविंदा)-4

                         (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिन्दीट्रॅक्स.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-07.09.2023-गुरुवार. 
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