ऋषि पंचमी-जानकारी-1

Started by Atul Kaviraje, September 20, 2023, 05:29:43 PM

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Atul Kaviraje

                                       "ऋषि पंचमी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-२०.०९.२०२३-बुधवार है. आज "ऋषि पंचमी" है. इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 19 सितंबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर शुरू होगी और 20 सितंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 16 मिनट पर इसका समापन होगा. पौराणिक मान्यता के अनुसार स्त्रियों को रजस्वला में धार्मिक कार्य, घर के कार्य करने की मनाई होती है. मराठी कविटके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको ऋषि पंचमी की बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईये, पढते है ऋषि पंचमी की  महत्त्वपूर्ण जानकारी. 

        Rishi Panchami 2023: ऋषि पंचमी कब ? जानें डेट, सप्त ऋषियों की पूजा का मुहूर्त और महत्व--

     ऋषि पंचमी ये पर्व मुख्य रूप से महिलाओं का माना जाता है. ऋषि पंचमी का दिन देवी-देवता नहीं बल्कि सप्त ऋषियों को समर्पित है.

     हिंदू धर्म में व्रत व्यक्ति को पाप कर्मों से मुक्ति दिलाते हैं. ऐसा ही एक व्रत है ऋषि पंचमी. ये पर्व मुख्य रूप से महिलाओं का माना जाता है. धर्म ग्रंथों के अनुसार जो महिलाएं इस दिन व्रत रखकर पूजा करती हैं उन्हें अटल सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

     जाने-अनजाने में हुए पाप नष्ट हो जाते हैं. ऋषि पंचमी का दिन देवी-देवता नहीं बल्कि सप्त ऋषियों को समर्पित है. आइए जानते हैं ऋषि पंचमी की डेट, मुहूर्त और महत्व.

           ऋषि पंचमी 2023 डेट (Rishi Panchami 2023 Date)--

     भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी ऋषि पंचमी 20 सितंबर 2023, बुधवार को मनाई जाएगी. ये पर्व गणेश चतुर्थी के एक दिन बाद मनाया जाता है. ऋषि पंचमी पर महिलाएं गंगा स्नान करें तो इसका फल कई गुना बढ़ जाता है. इस दिन ऋषि मुनि वशिष्ठ, कश्यप, विश्वामित्र, जमदग्नि, अत्रि, गौतम और भारद्वाज ऋषि की पूजा होती है.

         ऋषि पंचमी 2023 मुहूर्त (Rishi Panchami 2023 Muhurat)--

इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 19 सितंबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर शुरू होगी और 20 सितंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 16 मिनट पर इसका समापन होगा.

सप्त ऋषियों की पूजा का समय -  सुबह 11.01 - दोपहर 01.28
अवघि - 2 घंटे 27 मिनट

         महिलाओं के लिए क्यों खास है ऋषि पंचमी (Rishi Panchami Significance)--

     पौराणिक मान्यता के अनुसार स्त्रियों को रजस्वला में धार्मिक कार्य, घर के कार्य करने की मनाई होती है. ऐसे में इस दौरान अगर गलती से पूजा-पाठ की सामग्री को स्पर्श कर लें या फिर ऐसे धर्म-कर्म के काम में जाने-अनजाने कोई गलती हो जाए, तो इस व्रत के प्रभाव से स्त्रियां दोष मुक्ति हो जाती हैं. ये व्रत मासिक धर्म में हुई गलतियों के प्रायश्चित के रूप में किया जाता है. इसे हर वर्ग की महिला कर सकती है.

         ऋषि पंचमी का मंत्र (Rishi Panchami Mantra)--

कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोय गौतम:।

जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषय: स्मृता:।।

गृह्णन्त्वर्ध्य मया दत्तं तुष्टा भवत मे सदा।।

--By: ABP Live
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                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-abp लाईव्ह.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-20.09.2023-बुधवार.
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