ऋषि पंचमी-जानकारी-7

Started by Atul Kaviraje, September 20, 2023, 05:37:23 PM

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Atul Kaviraje

                                       "ऋषि पंचमी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-२०.०९.२०२३-बुधवार है. आज "ऋषि पंचमी" है. इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 19 सितंबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर शुरू होगी और 20 सितंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 16 मिनट पर इसका समापन होगा. पौराणिक मान्यता के अनुसार स्त्रियों को रजस्वला में धार्मिक कार्य, घर के कार्य करने की मनाई होती है. मराठी कविटके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको ऋषि पंचमी की बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईये, पढते है ऋषि पंचमी की  महत्त्वपूर्ण जानकारी. 

            व्रत से मिली कष्टों से मुक्ति--

     उत्तंक ने समाधि लगाकर घटना का पता लगाया और पत्नी को बताया कि पूर्व जन्म में भी यह कन्या ब्राह्मणी थी. इसने रजस्वला होने के बावजूद बर्तन इत्यादि छूकर रसोई घर को अपवित्र कर दिया था. उसी का पाप यह इस जन्म में भुगत रही है. इस कष्ट का निवारण केवल ऋषि पंचमी का व्रत एवं पूजन है, लेकिन इसने इस जन्म में भी यह व्रत नहीं किया. इसलिए इसके शरीर में कीड़े पड़ गये हैं.

     हिंदू धर्म-शास्त्रों की मान्यता है कि रजस्वला स्त्री पहले दिन चाण्डालिनी, दूसरे दिन ब्रह्मघातिनी तथा तीसरे दिन धोबिन के समान अपवित्र होती है. चौथे दिन स्नान करने के पश्चात ही उसे शुद्धि प्राप्त होती है. यदि हमारी कन्या शुद्ध मन से ऋषि पंचमी का व्रत करें तो इसके सारे दुख दूर हो जाएंगे. पिता की आज्ञा से पुत्री ने विधिपूर्वक ऋषि पंचमी का व्रत एवं पूजन किया. व्रत के प्रभाव से वह सारे कष्टों से मुक्त हो गई. अगले जन्म में उसे अटल सौभाग्य सहित अक्षय सुखों की प्राप्ति हुई.

         ऋषि पूजन 2023 की आरती--

जय जय ऋषिराजा, प्रभु जय जय ऋषिराजा । देव समाजाहृत मुनि, कृत सुरगया काजा॥ टेक॥

जय दध्यगाथर्वण, भरद्व गौतम। जय श्रृंगी, पराशर अगस्त्य मुनि सत्तम॥1॥

वशिष्ठ, विश्वामित्र, गिर, अत्री जय जय कश्यप भृगुप्रभृति जय, जय कृप तप संचय ॥2॥

वेद मन्त्र दृष्टावन, सबका भला किया। सब जनता को तुमने वैदिक ज्ञान दिया ॥3॥

सब ब्राह्मण जनता के मूल पुरुष स्वामी। ऋषि संतति, हमको ज्ञानी हों सत्पथगामी॥4॥

हम में प्रभु आस्तिकता आप शीघ्र भर दो। शिक्षित सारे नर हों, यह हमको वर दो॥5॥

'धरणीधर' कृत ऋषिजन की आरती जो गावे। वह नर मुनिजन, कृपया सुख सम्पति पावै॥6॥

             ऋषि पंचमी व्रत का महत्व--

     इस व्रत के बारे में ऐसी मान्यता है कि यह व्रत अगर सच्ची आस्था और निष्ठा के साथ किया जाये तो इंसान के जीवन के सारे दुख अवश्य ही समाप्त हो जाते हैं। इसके अलावा अविवाहित युवतियों के लिए यह व्रत विशेष फलदायी माना जाता है। इस दिन हल से जोते हुए किसी भी अनाज का सेवन वर्जित माना जाता है। साथ ही ऋषि पंचमी के दिन सच्चे मन से पूजा करने और उपवास रखने पर दोष-बाधाएं दूर हो जाती हैं। इस दिन गंगा स्नान का भी महत्व है।

--by Vidhya
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                            (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-आकृती.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-20.09.2023-बुधवार.
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