ऋषि पंचमी-जानकारी-8

Started by Atul Kaviraje, September 20, 2023, 05:38:50 PM

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Atul Kaviraje


                                       "ऋषि पंचमी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-२०.०९.२०२३-बुधवार है. आज "ऋषि पंचमी" है. इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 19 सितंबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर शुरू होगी और 20 सितंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 16 मिनट पर इसका समापन होगा. पौराणिक मान्यता के अनुसार स्त्रियों को रजस्वला में धार्मिक कार्य, घर के कार्य करने की मनाई होती है. मराठी कविटके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको ऋषि पंचमी की बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईये, पढते है ऋषि पंचमी की  महत्त्वपूर्ण जानकारी. 

               ऋषि पंचमी कब है--

     इस साल ऋषि पंचमी बुधवार, 20 सितंबर 2023 के दिन मनाई जाएगी।

Event   Date and Time
ऋषि पंचमी 2023   बुधवार, 20 सितंबर 2023
ऋषि पंचमी पूजा मुहूर्त   11:01 AM to 01:28 PM
अवधि   02 घंटे 27 मिनट
ऋषि पंचमी तिथि प्रारंभ   19 सितंबर, 2023 को दोपहर 01:43 बजे
ऋषि पंचमी तिथि समाप्त   20 सितंबर 2023 को दोपहर 02:16 बजे

              ऋषि पंचमी क्यों मनाई जाती है--

     हिंदू धर्म के अनुसार पवित्रता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है और शरीर और आत्मा को शुद्ध बनाए रखने के लिए सख्त दिशानिर्देश हैं। हिंदू धर्म में मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को अशुद्ध माना जाता है और इसलिए इस अवधि के दौरान महिलाओं को रसोई में खाना पकाने या किसी भी धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति नहीं है। इन दिशानिर्देशों की उपेक्षा करने से रजस्वला दोष बढ़ता है। रजस्वला दोष से छुटकारा पाने के लिए ऋषि पंचमी का व्रत करने की सलाह दी जाती है। नेपाली हिंदुओं में ऋषि पंचमी अधिक लोकप्रिय है। कहीं-कहीं तीन दिवसीय हरतालिका तीज का व्रत ऋषि पंचमी को समाप्त होता है।

              ऋषि पंचमी पूजा कैसे करें--

     ऋषि पंचमी के दिन स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अपने घर में साफ जगह पर हल्दी, कुमकुम और रोली का उपयोग करके एक चौकोर आकार का मंडल बनाएं। मंडल पर सप्त ऋषि की प्रतिमा स्थापित करें। चित्र के ऊपर शुद्ध जल और पंचामृत डालें। उनका टीका चंदन से करें। फूलों की माला पहचानाएं और सप्तऋषि को पुष्प अर्पित करें। उन्हें पवित्र धागा (यज्ञोपवीत) पहनाएं। फिर सफेद वस्त्र अर्पित करें। साथ ही उन्हें फल, मिठाई आदि भी अर्पित करें। उस स्थान पर धूप आदि रखें। कई क्षेत्रों में यह पूजा प्रक्रिया नदी के किनारे या तालाब के पास देखी जाती है। इस पूजा के बाद महिलाएं अनाज का सेवन नहीं करती हैं। बल्कि वे ऋषि पंचमी के दिन एक खास तरह के चावल का सेवन करते हैं।

          ऐसे करें ऋषि पंचमी की पूजा (Worship Rishi Panchami like this)--

इस दिव्य दिन पर, पास की पवित्र नदी में पवित्र करना बहुत महत्वपूर्ण है।

नदी में स्नान करने के बाद सप्त – ऋषि की प्रतिमाओं को पंचामृत चढ़ाना चाहिए।

इसके बाद उन पर चंदन और सिंदूर का तिलक लगाएं।

फूल, मिठाई, खाद्य पदार्थ, सुगंधित धूप, दीपक आदि सप्तऋषियों को अर्पित करें।

मंत्र जाप के साथ सफेद वस्त्र यज्ञोपवीतों और नैवेद्य धारण कर उनकी पूजा करें।

ऋषि पंचमी व्रत के दौरान इन सप्त – ऋषियों की पूरी पवित्र प्रथाओं के साथ पूजा करके लोककथाओं को सुनना बहुत महत्वपूर्ण है।

                          (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-माय पंडित.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-20.09.2023-बुधवार.
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